Edited Porn Video : फर्जी अश्लील वीडियो भेजकर ढाई करोड़ मांगे, नकली DSP पकड़ाया!

पहले 30 लाख लिए, दूसरी बार 50 लाख मांगे, RPF का बर्खास्त DSP निकला

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Edited Porn Video : फर्जी अश्लील वीडियो भेजकर ढाई करोड़ मांगे, नकली DSP पकड़ाया!

Indore : पुलिस ने एक ऐसे युवक को पकड़ा है, जो खुद को डीएसपी बताकर लोगों को ऐंठता था। इसने एक होटल कारोबारी का काम निपटाने के बदले 50 लाख रुपए मांगे थे। पुलिस ने स्कीम 78 में रहने वाले दीपक शर्मा की शिकायत पर कमल मेहरा और नकली डीएसपी अशोक तिवारी और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।

क्राइम ब्रांच पुलिस ने पूछताछ की तो उसने कई खुलासे किए। विजय नगर की एक होटल के मालिक दीपक शर्मा को पुलिस के सरकारी नंबर से एक एडिटेड अश्लील वीडियो व्हाट्सएप पर भेजा गया। धमकाया गया कि इसे वायरल कर दिया जाएगा। यह घटना 15 दिन पहले की है। इस वीडियो में युवक की जगह होटल वाले का चेहरा एडिट करके लगाया गया था। घबराकर इस कारोबारी ने अपने इंदौर के दोस्त कमल मेहरा को पूरी घटना बताई।

पुलिस का सरकारी नंबर था, इसलिए कमल ने कहा कि मेरा एक दोस्त अशोक तिवारी डीएसपी है। वह इस मामले को निपटा देगा। अशोक तिवारी ने पूरा मामला निपटाने के बदले ढाई करोड़ रुपए मांगे। व्यापारी ने हां कह दी तो पहली क़िस्त के रूप में कमल और अशोक ने 30 लाख रुपए ले लिए। एक सप्ताह बाद अशोक तिवारी ने होटल कारोबारी से 50 लाख रुपए की और डिमांड की। कहा, कि हमने उस आदमी का एनकाउंटर कर दिया है, जिसने तुम्हें यह वीडियो ब्लैकमेल करने के लिए भेजा था। हमें ऊपर भी अफसरों तक पैसा पहुंचाना है इसलिए 50 लाख रुपए की व्यवस्था करो।
उस होटल कारोबारी ने उन दिनों के अखबार खंगाले, तो उसे एनकाउंटर की कोई खबर नहीं मिली तो उसे शंका हुई। होटल कारोबारी ने इंदौर आकर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल से मुलाकात की। पूरा घटनाक्रम बताने के बाद पुलिस के कहने पर कारोबारी ने अशोक तिवारी को पैसे देने का कहकर अपनी विजय नगर स्थित होटल में बुलाया। जैसे ही तिवारी पहुंचा, क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ लिया।

पुलिस ने इस मामले में अशोक तिवारी, कमल मेहरा और वीडियो भेजने वाले पुलिसकर्मी को आरोपी बनाया। अशोक और कमल की गिरफ़्तारी हो चुकी है। जबकि, वीडियो भेजने वाले पुलिसकर्मी की पहचान होना बाकी है। इसके बाद उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपी से 12 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। 18 लाख कहां खर्च हुए, इस बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।

पुलिस की पूछताछ में अशोक तिवारी ने कई खुलासे किए। खुद को डीएसपी बताने वाला अशोक तिवारी पहले रेलवे आरपीएफ में डीएसपी था। उसे रिश्वत के एक मामले में दोष सिद्ध होने पर बर्खास्त कर दिया था। जयपुर के रहने वाले अशोक ने देवास में रहने वाली बुटीक संचालिका से 12 साल पहले शादी कर ली थी। इसके बाद से ही वह देवास गोमती नगर में रहने लगा था।

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि अशोक ने रिश्तेदारों को भी आरपीएफ में बड़ा अफसर होना बताया था। इसी के चलते वह देवास में काफी रौब झाड़ता था। एसआई के पद पर रहते हुए अशोक तिवारी ने आगरा में रिश्वत ली थी। इसी केस के बाद वह जांच में बर्खास्त हुआ था। उसने सबसे ज्यादा आगरा और गुजरात के गांधीनगर के नजदीक नौकरी की।
इससे पहले क्राइम ब्रांच का खरगोन के सोना-चांदी व्यापारी के साथ धमकाने में भी यही नाम सामने आया था। अफसरों को शंका है कि नकली डीएसपी भी पुलिस अफसरों के संपर्क में था। मामले में गोपनीय तरीके से उसके संपर्क निकाले जा रहे है। अफसर नकली डीएसपी के मामले में भी जानकारी देने से भी बच रहे है। रेलवे में भी अशोक वह वर्दी पहनकर सफर करता है। अफसरों को शंका है कि उसने देवास में दूसरी शादी की थी। उसका एक परिवार जयपुर में भी है। जिसे लेकर क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है।