ED’s Big Action: झारखंड–बंगाल में कोयला माफियाओं पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 44 जगहों पर मारा छापा, 14 करोड़ नकद और सोने के गहने बरामद

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ED’s Big Action: झारखंड–बंगाल में कोयला माफियाओं पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 44 जगहों पर मारा छापा, 14 करोड़ नकद और सोने के गहने बरामद

 

ED’s Big Action: झारखंड–बंगाल में कोयला माफियाओं (Coal Mafias) पर ED ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। कोयला घोटाले में ED ने बंगाल-झारखंड के 44 ठिकानों पर छापा मारकर 14 करोड़ नकद और सोने के गहने जब्त किया है। इसके अलावा कई अहम दस्तावेज मिले है, जिनमें प्रॉपर्टी के कागज, जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े एग्रीमेंट,डिजिटल डिवाइस और कई कंपनियों के बही खाते शामिल है।

मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच की जा रही है।ED की जांच पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई FIR पर आधारित है। इनमें बताया गया है कि दोनों राज्यों की सीमा पर अवैध कोयला सप्लाई का बड़ा नेटवर्क चल रहा था, जिसमें झारखंड से कोयला बिना किसी वैध कागजात के पश्चिम बंगाल लाया जा रहा था।

झारखंड में ED ने धनबाद और दुमका में 20 जगहों पर रेड की, जो लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमा, अमर मंडल और इनके लोगों से जुड़ी बताई जा रही है। पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिनमें दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता शामिल है। यहां रेड घरों, दफ्तरों, कोक प्लांट्स और अवैध टोल वसूली केंद्रों पर की गई। ये ठिकाने नरेंद्र खड़का, कृष्ण मुरारी कायल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव, लोकेश सिंह, चिन्मय मंडल, निरद बरन मंडल और अन्य से जुड़े बताए जा रहे है।

इस पूरे ऑपरेशन में ED के 100 से ज्यादा अफसर शामिल थे और सुरक्षा के लिए CRPF भी तैनात रही।प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता के 24 जगहों पर छापेमारी की है। यहां नरेंद्र खारका, कृष्ण मुरारी कायल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव, लोकेश सिंह, चिन्मय मंडल, निराद बरन मंडल और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड की गई। इनमें रिहायशी मकान, ऑफिस, कोक प्लांट और अवैध टोल बूथ शामिल थे. पूरे ऑपरेशन में ED के 100 से ज्यादा अफसर और CRPF के जवान शामिल थे।ED की जांच कई FIR पर आधारित है, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस ने अवैध कोयला खनन और तस्करी के मामलों में दर्ज की थी। जांच में सामने आया है कि एक बड़ा नेटवर्क कोयला चोरी कर झारखंड से बंगाल भेज रहा था, वो भी बिना किसी वैध दस्तावेज के। रेड में मिले रिकॉर्ड और दस्तावेजों ने इन आरोपों की पुष्टि की है।