ED’s Big Action: हैदराबाद में निलंबित HMDA अधिकारी शिव बालकृष्ण पर ED का शिकंजा, करोड़ों की अवैध संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज

185
ED's Big Action

ED’s Big Action: हैदराबाद में निलंबित HMDA अधिकारी शिव बालकृष्ण पर ED का शिकंजा, करोड़ों की अवैध संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज

रुचि बागड़देव की रिपोर्ट 

Hyderabad: हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण HMDA के निलंबित नगर नियोजन निदेशक और तेलंगाना राज्य रियल एस्टेट विनियमन प्राधिकरण (टीएस रेरा) के पूर्व सचिव शिव बालकृष्ण के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को हैदराबाद और आसपास के कई ठिकानों पर छापेमारी की।

यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB द्वारा दर्ज FIR और आय से अधिक संपत्ति DA के गंभीर मामले में हुई। बालकृष्ण को मार्च 2024 में एसीबी ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

Also Read: Big Scam in Dyeing : शहडोल के एक और हाई स्कूल की रंगाई में जबरदस्त घोटाला, बिल बना 2 लाख 31650 रुपए का! 

जांच की पूरी कहानी:

एसीबी ने जनवरी और मार्च 2024 में बालकृष्ण, उनके भाई शिव नवीन कुमार और रिश्तेदारों के घरों पर छापे मारे थे। छापेमारी में 99.60 लाख रुपये नकद, 1.9 किलोग्राम सोना, 6 किलोग्राम चांदी और लगभग 6 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए। एसीबी के अनुसार, इन संपत्तियों का बाजार मूल्य 8.26 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है। जांच में सामने आया कि बालकृष्ण ने 200 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि, कई फ्लैट्स, विला और प्लॉट्स अपने और सहयोगियों के नाम पर खरीदे, जिनकी कुल बाजार कीमत करीब ₹250 करोड़ आंकी गई है।

अधिकारियों का कहना है कि बालकृष्ण ने रियल एस्टेट कंपनियों को परमिट देने के बदले में अवैध लेन-देन किए और फर्जी कंपनियों के जरिए संपत्ति छुपाई। उन्होंने कुछ संपत्तियां सहयोगियों और रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत कराईं। एसीबी ने बालकृष्ण और उनके भाई को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में नामपल्ली कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई।

ईडी की कार्रवाई और ताजा हालात:

एसीबी की एफआईआर के आधार पर ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की। बुधवार को ईडी ने बालकृष्ण, उनके भाई और रिश्तेदारों के घरों, दफ्तरों और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज, प्रॉपर्टी पेपर्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज जब्त किए हैं। ED अब जब्त दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों का विश्लेषण कर रही है। जांच एजेंसी ने रियल एस्टेट के बड़े बिल्डरों के साथ हुए लेन-देन की भी जांच तेज कर दी है और कुछ बिल्डरों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, जब्त दस्तावेजों में कई बेनामी संपत्तियों और फर्जी कंपनियों के लिंक मिले हैं। अब ईडी का मुख्य फोकस मनी ट्रेल, हवाला और अवैध ट्रांजेक्शन की जांच पर है। जांच एजेंसियां बैंक खातों और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डिटेल्स को खंगाल रही हैं, जिससे आगे और खुलासे संभव हैं।

Also Read: Tiger Crossing Road: रिमझिम बारिश में राहगीरों के सामने आया बाघ, वाहनों के पहिये थमे, रोमांचित दृश्य पर्यटकों ने किया कैमरे में कैद, नेशनल हाइवे-39 का मामला

कानूनी धाराएं और आगे की संभावनाएं:

बालकृष्ण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत केस दर्ज है। ईडी की जांच अभी जारी है और अगले कुछ दिनों में और गिरफ्तारियां या बड़े खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल बुधवार के बाद से किसी नई गिरफ्तारी या बड़े खुलासे की खबर नहीं है, लेकिन जांच एजेंसियों की सक्रियता बनी हुई है।

शिव बालकृष्ण पर लगे आरोप न सिर्फ तेलंगाना के प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करते हैं, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर में अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े नेटवर्क की ओर भी इशारा करते हैं। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच से भविष्य में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।