ED’s Big Action, IAS Officer Raided 22 Locations In Three States: IAS का विवादों से रहा है पुराना नाता

918

ED’s Big Action, IAS Officer Raided 22 Locations In Three States : IAS का विवादों से रहा है पुराना नाता

झारखंड में ईडी टीम की दबिश लगातार जारी है. एक ताजा खबर सामने आई है जिसमें ईडी द्वारा राज्य के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी रांची के पूर्व डीसी और आईएएस अधिकारी छवि रंजन के अलावे अन्य अंचल अधिकारियों और जमीन दलालों के ठिकानों पर छापा मारा है.यह दूसरा मामला है जब झारखंड कैडर का कोई आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आया है। पिछले साल ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर छापा मारकर गिरफ्तार किया था।

रांची के पूर्व DC और IAS ऑफिसर छवि रंजन के आवास पर ईडी का छापा, रडार पर कई अंचलाधिकारीप्रवर्तन निदेशालय ने सेना की जमीन में गड़बड़ी के मामले में रांची के उपायुक्त व आईएएस अधिकारी छवि रंजन के तीन राज्यों में 22 ठिकानों  पर गुरुवार को छापेमारी की। झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल आदि समेत उनकी पत्नी व उनके कई सहयोगियों के ठिकानों पर देर शाम तक कार्रवाई जारी रही। जमशेदपुर के कदमा स्थित घर में ईडी की टीम को नोट गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में आईएएस अधिकारी के यहां कई परिसरों की तलाशी ली। 2011-बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन के करीब 22 ठिकानों पर छापेमारी की गई। छवि रंजन रांची के डिप्टी कमिश्नर रह चुके है। इसके अलावा छवि रंजन के करीबियों के अलावा राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की। आरोप के मुताबिक, रांची में डीसी रहते छवि रंजन ने आदिवासी क्षेत्र के कई भूखंडों की प्रकृति में बड़े पैमाने पर बदलाव कराया था। छवि रंजन समाज विभाग कल्याण में निदेशक है और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के करीबी बताए जाते है।
यह कथित घोटाला उस समय हुआ जब लालू प्रसाद कांग्रेस नीत केंद्र की यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों को और इस मामले में लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ को अपनी जमीन हस्तांतरित की थी।