

Eiffel Tower- world heritage day 2025: एफिल टावर विश्व में लोकप्रिय स्मारक है जो फ्रांस की आन-बान-शान है.
बचपन में एफिल टावर के बारे में पढ़ा था।तब से ही उसे देखने की उत्सुकता थी।फिर कुछ वर्षों बाद हमारे एक परिचित यूरोप टूर पर गए थे और हमारे परिवार के लिए वहां से एफिल टावर की छोटी प्रतिकृति उपहार में लाए तो बचपन की इच्छा और बलवती हो गई।
कुछ वर्षों पहले बेटियों ने कहा ,मां आपकी जिम्मेदारियां हमारे प्रति अब खत्म होने आई हैं।आप और पापा का यूरोप टूर बुक कर दिया है। भारतीय संस्कारों में ही कुछ ऐसा रचा बसा रहता है कि खुद से पहले ,अपने मां, पिताजी के लिए सोचने में आता है।हम भी कहीं घूमने जाते तो सबसे पहले मन में यही आता कि इतनी सुंदर जगह है,काश मां , पिताजी भी साथ होते।पर फिर यह भी लगता वे इतनी लंबी यात्रा कैसे कर पाएंगे? उन्हें परहेजी खाना भी कैसे मिल पाएगा?
खैर उस टूर में हमें पहले लंदन और फिर फ्रांस ले गए यहां पेरिस में हमने एफिल टावर देखा।इसका निर्माण 1989 में फ्रांस की क्रांति के100 वर्ष पूर्ण होने के जश्न को मनाने के लिए किया गया था।इसका निर्माण इंजीनियर गुस्ताव एफिल ने किया था।
यह टावर उस समय की औद्योगिक क्रांति और फ्रांस की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक था।यह एक स्वतंत्र जालीदार टावर है ।जो लोहे की क्रॉस ,क्रॉसिंग पट्टियों से बना है। टावर के चारों मुख्य स्थंभ के बीच की दूरी 125 मीटर होनी चाहिए। इस प्रस्ताव पर 107 इंजीनियरों ने डिजाइन दिए जिसमें से गुस्ताव अइफ़िल की परियोजना मंज़ूर की गई। टावर के चारों स्तंभ चार प्रमुख दिशाओं में बने हुए हैं और उन्हीं दिशाओं के अनुसार स्तंभों का नामकरण किया गया है जैसे कि–उत्तर स्तंभ, दक्षिण स्तंभ, पूरब स्तंभ और पश्चिम स्तंभ।
फ़िलहाल, उत्तर स्तम्भ, दक्षिण स्तम्भ और पूरब स्तम्भ में टिकट घर और प्रवेश द्वार है, जहाँ से लोग टिकट ख़रीदकर टावर में प्रवेश कर सकते हैं। उत्तर और पूरब स्तंभों में लिफ्ट की सुविधा है और दक्षिण स्तम्भ में सीढ़ियां हैं जो कि पहली और दूसरी मंज़िल तक पहुँचाती हैं। दक्षिण स्तम्भ में अन्य दो निजी लिफ्ट भी हैं जिनमें से एक सर्विस लिफ्ट है और दूसरी लिफ्ट दूसरी मंज़िल पर स्थित’ला जुल्स वेर्नेस’नामक रेस्टोरेंट के लिए है।मौरिस कोच्लिन,एमिल नुगिए इस परियोजना के संरचनात्मक इंजीनियर थे और स्टीफेन सौवेस्ट्रे वास्तुकार थे। 300 मजदूरों ने मिलकर अइफ़िल टावर को 2 साल, 2 महीने और 5 दिनों में पूरा किया। इसका उद्घाटन 31 मार्च 1889 में हुआ और 6 मई से यह टावर लोगों के लिए खुला गया।
ये 1000 फीट ऊंचा है।एफिल टावर की लम्बाई 324 मीटर है. ये सीन नदी के तट पर है।हमें टूर में पहले इसे रात में बाहर से दिखाया।जगमगाती लाइटिंग के साथ ये बहुत सुंदर दिख रहा था। अगले दिन सुबह हमें इसे अंदर से दिखाने ले गए थे। बाहर गेट पर ही इंजीनियर एफिल का चेहरे वाला स्तंभ है।यह तीन मंजिला टावर साल के सभी 365 दिन पर्यटकों के लिए खुला रहता है। इसमें 2 लिफ्ट भी हैं।इसलिए हमें कुछ ही सीढ़ियां चढ़नी रहती हैं।प्रति वर्ष लगभग 70 लाख व्यक्ति इसे देखने आते हैं।इसमें एक संग्रहालय,कई रेस्तरां और एफिल रिसेप्शन रूम है।जिसमें उनकी मूर्ति भी है।गाइड ने बताया किसंग्रहालय में व्यावसायिक कार्यक्रम,प्रदर्शनी,सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।बहुत सी खाने पीने की दुकानें और भी कई अन्य दुकानें थीं। पर सभी कुछ बहुत मंहगा था।टावर की 906फीट की ऊंचाई पर एक अवलोकन डेक थी।यहां से पूरे पेरिस का मनोरम दृश्य दिख रहा था।
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गाइड ने बताया इसकी आसपास की इमारतों को ऐसा ही रहने देते है। यदि टूटती भी है तो धरोहर के रूप में उसे पहले जैसा ही कर देते हैं।यह पुराना पेरिस है।नए पेरिस में ऊंची ऊंची बिल्डिंग हैं।अच्छा एक और रोचक बात है।गर्मियों में लोहे धातु की बनी होने की वजह से एफिल टावर की लंबाई लगभग 15 सेंटीमीटर बढ़ जाती है।और सर्दियों में सिकुड़ जाती है।
लगभग 2 घंटा टावर देखने के बाद हम इस विलक्षण विश्व धरोहर वैज्ञानिक रचना की स्मृति लिए उतर आए हमने भी परिचितों के लिए इसकी कुछ छोटी प्रतिकृति ली और सीन नदी में बोटिंग हेतु चले गए।
श्रद्धा जलज घाटे
रतलाम
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