New Delhi : भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) ने राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ आज बड़ी कार्रवाई की। चुनाव आयोग (Election Commission) ने पंजीकृत राजनीतिक दलों के साथ ही 253 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों को भी सूची से हटा दिया।
2014 से इन दलों ने कोई भी विधानसभा और संसद का चुनाव नहीं लड़ा है और न इनके द्वारा आयोग को 16 नोटिसों का जवाब दिया।
ये वे दल हैं, जो जमीन पर मौजूद ही नहीं हैं। चुनाव चिन्ह आदेश, 1968 के तहत आयोग द्वारा इन दलों को कोई भी लाभ देने से रोक दिया गया। इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु के दल शामिल हैं।
आयोग ने इन दलों को चुनाव चिन्ह आदेश (Election symbol order), 1968 के तहत किसी भी तरह का लाभ देने पर रोक लगा दी। जिन दलों पर कार्रवाई की गई वे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु के हैं।
इससे पहले भी निर्वाचन आयोग ने इसी साल मई और जून के महीने में कार्रवाई की थी जिसमें कुल 198 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों को सूची से हटाया गया था। इस प्रकार आयोग द्वारा सूची से हटाए गए राजनीतिक दलों की कुल संख्या 284 है।
पांच साल में चुनाव लड़ना जरुरी
चुनाव आयोग में जब भी कोई पार्टी पंजीकृत होती है तो उसे पांच साल के अंदर और उसके बाद चुनाव लड़ना होता है। अगर किसी पार्टी द्वारा लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ा जाता है तो उसका नाम पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटा दिया जाता है। यह कार्रवाई समय-समय पर आयोग द्वारा की जाती है।
आरपी एक्ट (RP Act), 1951 की धारा 19-ए के तहत राजनीतिक दलों को बिना देरी के अपना नाम, पता, मुख्य कार्यालय, पदाधिकारियों और पैन में बदलाव की जानकारी आयोग को देनी होती है।
इसके बावजूद भी इन दलों की तरफ इनका कोई जवाब नहीं आया। इसी वजह से आयोग द्वारा कार्रवाई की गई है क्योंकि ये दल बताए गए पते पर मौजूद नहीं है।