चुनाव आयोग ने कांग्रेस के 7 गारंटियों के विज्ञापन पर लगाई रोक, आचार संहिता का उल्लंघन माना

नोटिस भेजकर पार्टी अध्यक्ष से मांगा स्पष्टीकरण

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चुनाव आयोग ने कांग्रेस के 7 गारंटियों के विज्ञापन पर लगाई रोक, आचार संहिता का उल्लंघन माना

गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट 

 

नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की ओर से जारी 7 गारंटियों के विज्ञापन पर रोक लगा दी है।

 

आयोग ने वॉइस कॉल के जरिए गारंटियों के बारे में बताना और उसके पंजीयन करने के विज्ञापन को आचार संहिता का उल्लंघन माना है। इस विज्ञापन को राज्य स्तरीय विज्ञापन अधि प्रमाण समिति से मंजूर लिए बिना ही जारी करने का भी दोषी माना गया है।

 

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और महासचिव को नोटिस भेज उस बारे ने स्पष्टीकरण माँगा है। नोटिस में लिखा है कि राज्य स्तरीय विज्ञापन अधि प्रमाण पत्र समिति के संज्ञान में आया है कि आपके राजनीतिक दल द्वारा चुनाव प्रचार से संबंधित 2 IVRS/OVD संदेश राज्य स्तरीय विज्ञापन अधि प्रमाणन समिति से प्रसारण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना प्रसारित किए जा रहे हैं।

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नोटिस में कहा है कि एक संदेश अशोक गहलोत की आवाज में 7 गारंटियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फोन नंबर +91 120 4477 631 के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा है। दूसरा संदेश मोबाइल नंबर 8587070707 पर मिस्ड कॉल करने के बाद ‘नमस्कार जी, आपको बधाई। आपका नंबर गारंटियों के लिए सफलतापूर्वक रजिस्टर कर लिया है, प्रसारित हो रहा है।

 

निर्वाचन आयोग ने अपने 24 मार्च के निर्देश में सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को यह निर्देशित किया है कि कोई भी विज्ञापन, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है, का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है। लेकिन आपके द्वारा उन निर्देशों की अनुपालना किए बिना इन संदेशों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आदर्श आचार संहिता के तहत अनुमत नहीं है और इस प्रकार से अधिप्रमाणन करवाए बिना राजनीतिक विज्ञापन के रूप में ऑडियो संदेश प्रसारित करना निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना है।

 

निर्वाचन आयोग ने पत्र में निर्देशित किया है कि आप उक्त दोनों ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रुकवाएं और यह स्पष्ट करवाएं कि आप द्वारा किन कारणों से बिना अधिप्रमाणन के उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की अवहेलना की गई।

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