पाल।।मध्यप्रदेश की सहकारी संस्थाओं को अपनी आमसभा और चुनाव समय पर कराना अनिवार्य होगा। कोरोना महामारी के चलते इसमें किसी प्रकार की छूट नहीं मिल सकेगी। सहकारिता आयुक्त ने इस संबंध में सभी सहकारी संस्थाओं के प्रबंध संचालकों को फरमान जारी किया है।
सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने सभी संभागों के संयुक्त आयुक्त और सभी जिलों के सहकारिता उप और सहायक आयुक्त को इस संबंध में निर्देश जारी किए है।
कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां सरकारी दफ्तरो तक में कर्मचारियों को आॅनलाईन काम करने की छूट दी गई है। मध्यप्रदेश में साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी संस्थाएं है और 38 जिला सहकारी बैंक है। इसके अलावा भी कई राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और अन्य संस्थाएं है। इनमें से हजारों संंस्थाओं के चुनाव होना अभी बाकी है। इनके कार्यकाल समाप्त हो चुके है। अभी तक कोविड की आड़ लेकर सहकारी संस्थाएं चुनाव नहीं करा रही थी। कई सहकारी संस्थाओं के तो वार्षिक साधारण सम्मेलन भी नहीं हुए है। सहकारिता आयुक्त ने अब स्पष्ट निदे्रश जारी कर दिए है कि सहकारिता अधिनियम की धारा 49 के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं के वार्षिक साधारण सममेलन और विशेष साधारण सम्मेलन एवं संस्थाओं के चुनाव वैधानिक रुप से अनिवार्यत: है। इसमें किसी प्रकार की छूट देने का प्रावधान नहीं है। इसलिए इन आयोजनों में शासन द्वारा जारी कोविड 19के मापदंडों का पालन सुनिश्चित कराते हुए इन प्रक्रियाओं को सम्पन्न कराया जाए। सभा स्थल पर समस्य आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के निर्देश भी उन्होंने दिए है। यदि इन आयोजनों के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति की आवश्यकता है तो वह अनुमति भी आवश्यक रुप से प्राप्त कर ली जाए। सहकारिता आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इन निर्देशों का पालन कराने के लिए सभी संस्थाओं को सूचित कर इनका पालन सुनिश्चित कराया जाए।
इन संस्थाओं के चुनाव होना बाकी है-
राज्य लघु वनोपज संघ, राज्य आवास संघ, दुग्ध संघ,अपैक्स बैंक सहित दस प्रमुख शीर्ष सहकारी संस्थाएं,तीन दर्जन जिला सहकारी बैंक और साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी समितियां।