बिजली कम्पनी का फरमान, कर्मचारी अफसरों को जनवरी 2023 तक नहीं मिलेगी छुट्टी

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भोपाल: प्रदेश में विद्युत कम्पनियों की कंगाली की वजह से ट्रांसमिशन कम्पनी के कर्मचारियों, अधिकारियों की सितम्बर माह से रोकी गई पेंशन देने का फैसला अब तक हो नहीं पाया है और इस बीच पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एक फरमान से बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है। इस कम्पनी ने एक अक्टूबर से अगले चार माह यानी 31 जनवरी 2023 तक के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों के अवकाश पूरी तरह से रद्द कर दिए हैं। त्यौहारों के नाम पर लगा गई इस रोक के विरोध में विद्युत कर्मचारियों व अधिकारियों की शिकायत है कि कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए ऐसे आदेश जारी किए जा रहे हैं।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के इस आदेश से जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के अधिकारी कर्मचारी प्रभावित होंगे। इस आदेश के बाद बिजली अधिकारी एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ त्यौहार तो नहीं ही मना पाएंगे। इसके बाद जब नवम्बर व दिसम्बर में कोई बड़े त्यौहार नहीं होंगे तब भी वे परिजनों के साथ अवकाश पर नहीं जा सकेंगे। कर्मचारियों में आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि बिजली कंपनियों में कंपनी-टू-कंपनी ट्रांसफर का प्रावधान नहीं होने से हजारों कार्मिक परिवार से दूर रहने के लिए विवश हैं और अब रही सही कसर पूर्व क्षेत्र कम्पनी के इस आदेश ने पूरी कर दी है।

यह है आदेश का मजमून
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आगामी महीनों में आने वाले त्यौहार एवं पर्वों को देखते हुए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टी स्वीकृत किए जाने पर रोक लगा दी गई है। कंपनी ने इस दौरान मैदानी क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मुख्यालय छोड़ने पर भी पाबंदी लगा दी है। कंपनी ने कहा है कि वर्तमान में त्यौहारों का सीजन चल रहा है। इस दौरान सतत विद्युत आपूर्ति किया जाना आवश्यक है। मैदानी कार्यालयों से विद्युत ट्रिपिंग की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं। त्यौहारों के दौरान अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश में जाने एवं मुख्यालय छोड़ने की संभावना है। इसलिए कंपनी ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा मप्र अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 के तहत विद्युत आपूर्ति को अति आवश्यक सेवा की सूची में रखा गया है। इसलिए कंपनी ने मुख्य अभियंताओं को आदेशित किया है कि सतत विद्युत आपूर्ति के लिए आगामी चार माहों तक किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत न किया जाए एवं मुख्यालय छोड़ने की अनुमति न दी जाए। यदि किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो नियमानुसार उसके अवकाश अवधि को मृत दिवस (डाइज नान)घोषित किया जाए।

हजारों कर्मचारी पेंशन न पाने से परेशान
उधर विद्युत ट्रांसमिशन कम्पनी द्वारा 392 करोड़ रुपए के विरुद्ध अगस्त माह में सिर्फ 35 करोड़ रुपए का भुगतान शासन और तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा किए जाने के बाद सितम्बर और आगे महीनों की पेंशन आगामी आदेश तक नहीं देने का आदेश जारी कर दिया है। इससे कम्पनी के हजारों पेंशनर्स परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।