कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी Electricity Rates Relief , SC / ST के बीपीएल घरेलू उपभोक्ताओं को छूट यथावत
Bhopal : मप्र विद्युत नियामक आयोग (MP Electricity Regulatory Commission) द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित विद्युत दरों पर राज्य सरकार ने विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों में छूट देकर राहत प्रदान करने (Electricity Rates Relief)का निर्णय लिया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू योजना के तहत 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रु का देयक दिए जाने एवं अनुसूचित जाति व जनजाति के बीपीएल घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र रु 25 प्रति माह के मान से 4 माह में रु 100 लिए जाने का प्रावधान इस वर्ष भी निरंतर रखा गया है।
राज्य शासन द्वारा मंत्रिपरिषद (Cabinet) में लिए गए निर्णय में कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी विद्युत दरों में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओ को विद्युत देयक में रु 15722.87 करोड़ की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।
10 हॉर्सपावर (HP) तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पम्प उपभोक्ता को 750 रु प्रति हॉर्सपावर (HP) प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा वितरण कम्पनियो को रु 9876 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 21 लाख 75 हजार कृषि पम्प उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।मीटर युक्त स्थाई एवं अस्थाई कृषि पंप संयोजनो पर ऊर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार एवं नियत प्रभार में छूट। छूट राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को किया जाएगा। इसके लिए 350 करोड़ की राशि देय होगी तथा इससे लगभग 2 लाख अस्थायी एवम 20 हज़ार मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
एक हेक्टेयर तक भूमि वाले 5 हॉर्स पावर तक के अनुसूचित जाति व जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय होगा। देयक की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी (Subsidy) के रूप में देय होगी। इससे लगभग 9 लाख 25 हजार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके लिए राज्य सरकार 4733 करोड़ की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियो को देय होगी।
उच्च दाब उदवहन / समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार तथा वार्षिक न्यूनतम प्रभार में छूट मिलेगी। छूट राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी (Subsidy) के रूप में वहन की जाएगी। इसके लिए 90 करोड़ की राशि सब्सिडी के रूप में देय होगी।