
Kisan Credit Card में गबन: कलेक्टर डॉ. बेडेकर ने प्रबंधक के खिलाफ FIR के दिए निर्देश
– राजेश जयंत
Alirajpur: जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले में ग्राम आमखुट के किसानों ने बीते दिनों कलेक्टर डॉक्टर अरविंद अभय बेडेकर को एक शिकायत की थी। किसानों ने बताया था कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्या. आमखूट में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वह नियमित समय पर लेनदेन कर रहे थे बावजूद उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया गया। कृषकों की शिकायत पर कलेक्टर ने कट्ठीवाड़ा एसडीएम तपिश पांडे के निर्देशन में एक जांच दल गठित किया।
किसान क्रेडिट कार्ड लेनदेन में गबन की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने प्रबंधक गिरधारी राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
बीते दिनों ग्राम आमखुट के कृषकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा वर्षों से केसीसी (क्रेडिट कार्ड) का उपयोग किया जा रहा है और वह शासन के निर्देशानुसार समय पर लेनदेन करते रहे हैं, बावजूद इसके, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित आमखुट शाखा ने उन्हें गलत तरीके से डिफॉल्टर घोषित कर दिया था।
इस शिकायत पर कलेक्टर डॉ. बेडेकर ने अनुविभागीय अधिकारी कट्ठीवाड़ा, तपीस पांडे को मामले की जांच का निर्देश दिया। जांच के दौरान पांडे ने पाया कि केसीसी के लेनदेन में गबन हुआ है और शाखा प्रबंधक गिरधारी राठौड़ ने शासकीय योजना का दुरुपयोग कर अपने स्वार्थ के लिए पात्र केसीसी को अपात्र घोषित कर बाधित किया।
किसानों के साथ इस तरह का अन्याय, छल को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और जांच में दोषी पाए गए प्रबंधक गिरधारी राठौड के विरुद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
एसडीएम तपिश पांडे के निर्देशन में की गई जांच में जिला सहकारिता अधिकारी जी एल सोलंकी, तहसीलदार सरिता बालेचा सहित अन्य अधिकारी- कर्मचारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
“किसानों के साथ ठगी नई बात नहीं है”
जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिला शिक्षा और गरीबी के मामले में देश के सबसे पिछड़े जिले की गिनती में शामिल है।
यहां गरीब और अशिक्षित ग्रामीणों के साथ अक्सर अन्याय होता रहता है। झाबुआ-अलीराजपुर क्षेत्र में इस तरह के अनेक मामले पहले भी देखे जा चुके हैं।
जिला सहकारी बैंक की कई शाखाओं/आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं में प्रबंधक और स्टाफ का वर्षों से कोई तबादला नहीं हुआ है, कुछ कर्मचारी अपनी जॉइनिंग से रिटायरमेंट आ जाने तक एक ही जगह पदस्थ हैं। आमखुट शाखा से पहले CCB आंबुआ और सोंडवा शाखाओं में भी ऐसे ही मिलते जुलते मामले सामने आ चुके हैं। अन्य शाखाओं की कुछ शिकायतें फाइलों में ही फाइल कर दी गई। हालांकि इस ताजा मामले में कलेक्टर डॉ. बेडेकर की कड़ी कार्रवाई से जहां किसान वर्ग संतुष्ट है, वहीं ऐसी गलत हरकतों में संलिप्त लोगों में घबराहट फैल गई है।
“एक नजर में-
1. ग्राम आमखुट के कृषकों ने कलेक्टर से की शिकायत, केसीसी भुगतान के बावजूद गलत डिफॉल्टर घोषित करने का आरोप।
2. कलेक्टर ने जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी को निर्देशित किया।
3. जांच में केसीसी लेनदेन में गबन पाया गया।
4. प्रबंधक गिरधारी राठौड़ पर शासकीय योजना में मनमाना लाभ लेने का आरोप।
5. कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज कर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए।
6. जांच में जिला सहकारिता अधिकारी, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारी की भूमिका रही.





