Encroachers’ Appeal Rejected : शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमणकर्ताओं की अपील न्यायालय ने की खारिज

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Encroachers’ Appeal Rejected : शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमणकर्ताओं की अपील न्यायालय ने की खारिज!

 

जानिए क्या हैं मामला?

न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने जिले के गांव बिबडोद में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप हेतु आवंटित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 506/1 पर 37 व्यक्तियों द्वारा लगाई गई अपील को निरस्त कर दी हैं। अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि 37 वादीगणो द्वारा न्यायालय में इस आशय की अपील प्रस्तुत की गई थी कि वादिगण कुम्हार होकर स्टेट के समय से ही रतलाम शहर में स्थित अमृत सागर तालाब पर ईट कजावा के लिए सुरक्षित भूमि पर ईट बनाकर परिवार का भरण पोषण करते आ रहें है। वादीगण की संस्था श्री दक्ष प्रजापति ईट निर्माण उद्योग सहकारी समिति मर्यादित बिबडोद होकर मप्र. सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 10 के अंतर्गत औद्योगिक सोसायटी के रूप में पंजीकृत है।

 

कलेक्टर द्वारा वादीगण को अमृत सागर तालाब वाले स्थान से हटाकर ग्राम बिबडोद स्थित सर्वे नंबर 209/1 जिसका नवीन सर्वे क्रमांक 506/1 में से 18 हेक्टेयर भूमि ईंट कजावा हेतु 27-मार्च-1992 को एवं मिट्टी उत्खनन हेतु सर्वे नंबर 32 में से 10 हेक्टर भूमि आदेश क्रमांक 547 दिनांक 18 अक्टूबर 1994 के पालन में तहसीलदार के आदेश दिनांक 12-फरवरी-1994 को आरक्षित करके एवं पुनः तहसीलदार रतलाम के आदेश क्रमांक 286 दिनांक 24-फरवरी-2007 व पत्र दिनांक 28-फरवरी-2007 के पालन में ग्राम बिबडोद की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 209/1 जिसका नवीन सर्वे क्रमांक 506/1 में से 18 हेक्टेयर भूमि कुम्हारों को अर्थात वादीगण को प्रदान की है। उक्त भूमि शासन द्वारा ही प्रदान की गई है और वर्ष 1992 से ही वादीगण उपरोक्त भूमि पर ईंट निर्माण का व्यवसाय करते चले आ रहें हैं। 33 वर्ष से अधिक समय से वादीगण का मालिकाना आधिपत्य उपरोक्त भूमि पर चला आ रहा हैं और विरोधी आधिपत्य के आधार पर भी वादीगण उपरोक्त भूमि के मालिक एवं आधिपत्यधारी हो गए हैं। वर्ष 1992 में जब वादीगण को उक्त भूमि प्राप्त हुई थी तब से वादीगण का शांतिपूर्ण निरन्तर बिना किसी रोक-टोक व दबाव के मालिकाना आधिपत्य प्रतिवादीगण की जानकारी में निरन्तर चला आ रहा हैं।

 

इतने वर्षों में वादीगण को कभी भी कोई सूचना-पत्र प्रतिवादीगण द्वारा प्रेषित नहीं किया गया है। वादीगण उपरोक्त भूमि को एकमेव मालिक एवं आधिपत्यधारी हो गए हैं। इस कारण प्रतिवादीगण को हटाने का कोई अधिकार नहीं है। शासन की और से बताया गया कि स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप रतलाम हेतु इंडस्ट्रीज कार्य हेतु भूमि आवंटित की गई है। ईट भट्टे के लिए दूसरे स्थान पर भूमि आवंटित की गई है व इन सभी को विधिवत सूचना पत्र देखकर हटाने की कार्रवाई की जा रही है। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई कर आदेश पारित किया गया कि “शासन द्वारा विधिवत सूचना पत्र देकर विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है व लोकहित को दृष्टिगत रखते हुए कार्य किया जा रहा हैं। इस आधार पर 37 वादिगण की और से लगाई गई अपील न्यायालय ने खारिज कर दी!