EOW Action: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 20 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर!

जीवित व्यक्तियों की झूठी मृत्यु बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्रों के आधार पर करोड़ों के बीमा क्लेम निकाले गए!

670
EOW Action

EOW Action: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 20 करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर!

 

भोपाल: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) सरकार द्वारा गरीब और निम्न वर्ग के नागरिकों को सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिससे केवल ₹436 सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये की बीमा राशि प्राप्त की जा सकती है। लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर, मुरैना, भिंड जिलों में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जांच के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया है, जिसमें संगठित गिरोह, बैंक कर्मचारी और बीमा एजेंटों की मिलीभगत से जीवित व्यक्तियों की झूठी मृत्यु बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्रों के आधार पर करोड़ों के बीमा क्लेम निकाले गए।

EOW को मुख्यमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में बड़े घोटाले की गुप्त सूचना मिली थी कि ग्वालियर, मुरैना और भिंड के कुछ क्षेत्रों में संगठित गिरोह फर्जी तरीके से क्लेम कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि इन गिरोहों द्वारा पहले ऐसे लोगों और परिवारों की पहचान की गई जो गरीब, अशिक्षित या जागरूक नहीं हैं।

फिर आरोपियों ने इन लोगों के जरूरी दस्तावेज, पासबुक, एटीएम, नामांकन और अन्य प्रमाणपत्र अपने पास रख लिए। खास बात यह रही कि जीवित व्यक्तियों को दस्तावेजों पर मृत दिखाया गया। नगर निगम या पंचायत से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करवा लिया गया और बीमा कंपनी- जैसे मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ, स्टरलाइट यूनियन, यूनाइटेड इंडिया, एलआईसी को क्लेम के आवेदन किए गए।

EOW ने सभी बीमा कंपनियों से करीब 1000 क्लेम दस्तावेज जुटाए, जिनमें से अकेले मैक्स लाइफ से 325 और एसबीआई लाइफ से 679 संदिग्ध क्लेम मिले।

इनकी फोरेंसिक और बैंकिंग स्तर पर जांच की गई तो सामने आया कि करीब 20 करोड़ रुपये का भुगतान फर्जी मृत्यु दिखाकर निकाल लिया गया।

ग्वालियर के पांच, मुरैना और भिंड के दस मामलों में यह साफ उजागर हुआ कि जिन व्यक्तियों को मृत बताकर दो-दो लाख रुपये के क्लेम निकाले गए, वे जिंदा थे। गिरोह में शामिल बैंककर्मी, बीमा एजेंट, नगर निगम कर्मचारी व अन्य ने मृत घोषित लोगों के नाम पर अपने खातों में क्लेम की रकम ट्रांसफर करा ली।

 

EOW ने पाया कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए गिरोह नकली नाम, दस्तावेज, कार्ड और अन्य रिकॉर्ड का इस्तेमाल करता था। बैंक रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, लेन-देन का तरीका, ग्रामीणों के बयान, सबूतों और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर तत्काल केस दर्ज हुए और गिरफ्तारी की गई।

कई मामलों में गरीब परिवारों को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि उनके नाम पर बीमा क्लेम निकल गया है, क्योंकि एजेंट या बैंककर्मी खुद ही रकम निकाल लेते थे। मुरैना, भिंड जिलों में भी ऐसे ही पांच-पांच मामले सामने आए जहां मौत दिखा कर बड़ा घोटाला किया गया।

 

EOW अब राज्य भर में अन्य जिलों, बीमा कंपनियों, बैंक खातों, दस्तावेजों, एजेंटों और बैंककर्मियों की जांच तेज कर चुका है। कई एजेंट, ग्राम सचिव, बैंक कर्मचारी हिरासत में ले लिए गए हैं और धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू है।

 

*एक नजर में:*

1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में करीब 20 करोड़ की फर्जीवाड़ा उजागर।

2. फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर जिंदा लोगों के नाम पर दो-दो लाख के क्लेम निकाले गए।

3. ग्वालियर, मुरैना, भिंड जिले मुख्य केंद्र, आठ बीमा कंपनियों के दस्तावेज जांच में।

4. EOW ने बैंक रिकॉर्ड, सीसीटीवी, फोरेंसिक सहित गहराई से जांच की।

5. घोटाले में बैंक कर्मचारी, एजेंट, ग्राम सचिव तक शामिल; कई गिरफ्तार।

6. कई गरीब, अशिक्षित परिवारों को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि उनके नाम पर बीमा क्लेम हुआ।

7. भ्रष्टाचार और BSN की तमाम धाराओं में केस दर्ज, राज्यभर में जांच आगे बढ़ रही है।

 

EOW की गहन जांच व त्वरित कार्रवाई ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसे कल्याणकारी कार्यक्रम में बड़े घोटाले की परतें खोली हैं। यह मामला इस बात का सबूत है कि योजनाओं की निगरानी, पारदर्शिता और जिम्मेदार एजेंसियों की तत्परता के बिना, जनकल्याण का सीधा लाभ भी भ्रष्ट इकाइयों और गिरोह की भेंट चढ़ जाता है। ऐसे मामलों में सिर्फ सख्त जांच ही नहीं, बल्कि जनता की जागरूकता और सिस्टम में जवाबदेही भी जरूरी है, ताकि कल्याणकारी योजनाओं का फायदा असली हकदारों तक पहुंचे।