

EOW Raid : 12 जिलों के 150 धान उपार्जन केंद्रों और 140 वेयर हाउस पर EOW की छापेमारी, धान खरीदी में बड़ा घोटाला!
किसानों का फर्जी रजिस्ट्रेशन, ट्रांसपोर्ट, वेयर हाउस और राइस मिल का फर्जी रेकॉर्ड बनाकर गड़बड़ी!
Jabalpur : आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने गुरुवार को प्रदेश में बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 जिलों की 150 धान उपार्जन समितियों और 140 वेयर हाउस पर एक साथ छापेमारी की। अब तक की कार्रवाई में 19,910.53 क्विंटल धान की हेराफेरी के प्रमाण मिले, जिसकी कीमत करीब 5 करोड रुपए आंकी गई। सतना के एक वेयर हाउस में धान के स्थान पर 535 क्विंटल भूसी पाई गई।
इस घोटाले पर कार्रवाई के निर्देश के बाद ईओडब्ल्यू ने 25 टीम में बनाकर प्रदेश व्यापी कार्रवाई की। बालाघाट, जबलपुर, डिंडोरी, रीवा, सतना, मैहर, सागर, पन्ना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, श्योपुर आदि 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियां एवं 140 वेयर हाउस को चेक किया गया। अभी तक की कार्रवाई में 19,910. 53 क्विंटल धान की बड़ी हेराफेरी पकड़ में आई है। सतना जिले के कनक वेयर हाउस में 535 क्विंटल धान के स्थान पर भूसी मिली। वेयर हाउस में सेवा सहकारी समिति पिंडरा एवं सेवा सहकारी समिति हिरौंदी जिला सतना द्वारा इस धान का भंडारण किया गया था।
पांच विभिन्न उपार्जन समितियां के 79 से अधिक पदाधिकारी के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। ईओडब्ल्यू की 25 टीमों द्वारा लगातार कार्रवाई जारी है और कई समितियां में घोटाला पाए जाने की आशंका मिली है। जानकारी मिली कि कई धान उपार्जन समितियां द्वारा किसानों का फर्जी रजिस्ट्रेशन कर बिना धान लिए ही उपार्जन पोर्टल पर फर्जी प्रविष्टि कर दी जाती है। इसके बाद ट्रांसपोर्ट एवं वेयर हाउस का भी फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर लिया जाता है। समितियों द्वारा प्रविष्टि की गई मात्रा के अनुसार उसका फर्जी भुगतान भी कर दिया जाता है।
इस फर्जीवाड़े से शासन को हर साल करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचती है। इस फर्जीवाडे में उपार्जन समिति के पदाधिकारियों के अलावा कुछ ट्रांसपोर्टर, वेयर हाउस तथा राइस मिलों के भी शामिल होने की आशंका है। यह कार्रवाई अभी जारी है और कई समितियां में घोटाले पाए जाने की संभावना है। ट्रांसपोर्टर वेयर हाउस तथा राइस मिलों की भूमिका के संबंध में भी जांच की जा रही है।