EOW Raid On Bishop: 3 स्तरों पर चल रही है जांच, सीएम ने अधिकारियों से लिया फीडबैक
भोपाल: जबलपुर में ईओडब्ल्यू द्वारा कल बिशप के घर और कार्यालय पर मारे गए छापे को लेकर आज मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण या गैरकानूनी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं होगी। इस संबंध में सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि बिशप के यहां मारे गए छापे के मामले में तीन स्तरों पर जांच चल रही है। बैठक में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बता दे कि कल ईओडब्ल्यू ने जबलपुर स्थित बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के बिशप चेयरमैन के निवास और कार्यालय पर छापा मारा था।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू को ट्रस्ट के कार्यों में धांधली की शिकायत विनटेबल फादर हीरा नवल मसीह नागपुर के द्वारा की गई थी।
फादर हीरा नवल मसीह की शिकायत पर जब ईओडब्ल्यू से कार्रवाई की तब चेयरमैन के खिलाफ ट्रस्ट की संस्थाओं का दुरूपयोग, नाम परिवर्तित कर नई संस्थाओं का निर्माण, नई संस्थाओं के नाम से अवैधानिक कार्य, स्कूली संस्थाओं की फीस में गड़बड़ी, निजी कार्यों में ट्रस्ट के पैसों का दुरूपयोग करने जैसे कागज सामने आए हैं।
इसके अतिरिक्त ट्रस्ट संस्थाओं की लीज रिनुअल में धोखाधड़ी, उनका 07 करोड़ से अधिक का टैक्स न चुकाया जाने जैसे प्रकरण भी सामने आए हैं।
इस छापे में 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज, 48 बैंक खाते, 01 करोड़ 65 लाख से अधिक नगद राशि, 18,352 यूएस डॉलर, 118 पाउंड सहित 8 चार पहिया वाहन बरामद हुए है।
बड़े स्तर पर धोखाधड़ी सामने आयी है।
शासन इस पूरे छापेमारी को गंभीरता से ले रही है।
अधिकारियों ने बताया कि हम तीन स्तर पर जाँच करने जा रहे हैं:
इस पूरे छापेमारी में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त धन का उपयोग धर्मांतरण, अवैधानिक कार्य या गैरकानूनी कार्यों में तो नहीं हो रहा है?
शासन द्वारा ट्रस्ट की संस्थाओं को जो जमीन लीज पर दी गई है, इनका उपयोग स्कूल, अस्पताल या धर्माथ के कार्यों में न होकर अन्य व्यवसायिक कार्यों में हो रहा है तो इसकी जाँच।
कई ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें ट्रस्ट की संस्थाओं के लीज संबंधी प्रकरण में धोखाधड़ी कर टैक्स नहीं चुकाया गया है या नाम परिवर्तित कर दुरूपयोग हो रहा है या लीज नवीनीकरण में स्टांप ड्यूटी की धांधली की शिकायत आयी है, इसमें भी ईओडब्ल्यू और जिला प्रशासन जाँच करेगा।
इस प्रकरण एवं छापेमारी में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।