EOW Screws on Retired IAS : जमीन के चंगुल में फंसी रिटायर्ड IAS पर नया शिकंजा!
Bhopal : सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अंजू सिंह बघेल के विरुद्ध कटनी में आदिवासी की जमीन को गलत तरीके से अपने बेटे के नाम करने का केस चलेगा। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) मामले की जांच कर रहा है और जल्दी ही अदालत में चालान पेश करने की तैयारी में है। 2018 से यह मामला अभियोजन स्वीकृति के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DOPT) के पास पेंडिंग था। अब इस मामले की फाइल को फिर खोला गया है।
जानकारी के अनुसार जब अंजू सिंह बघेल कटनी में कलेक्टर थी, उन्होंने एक आदिवासी की 8 एकड़ से ज्यादा जमीन गैर-आदिवासी को बेचने की अनुमति दी थी। लेकिन, सबसे बड़ा पेंच यह था कि इस जमीन की रजिस्ट्री उस व्यक्ति के नाम नहीं हुई, जिसे अनुमति दी गई थी। बल्कि, रजिस्ट्री अंजू सिंह बघेल के बेटे अभितेंद्र सिंह के नाम हुई।
पीड़ित आदिवासी ने 2017 में EOW को इस मामले की शिकायत की थी कि उसकी जमीन गलत ढंग से बेची गई। उसने आरोप लगाया कि उसे इसका पैसा भी नहीं मिला। इस मामले में EOW ने एफआईआर दर्ज कर अभियोजन की स्वीकृति मांगी। तभी से यह फाइल दबी रही। हाल ही में जब तीन IAS का मामला 11 साल बाद खुला, तो इस मामले की भी फाइल खुली।
जमीन की अदला-बदली का मामला
सिर्फ यही नहीं रिटायर अंजू सिंह बघेल पर एक और मामला EOW में पंजीबद्ध है। आरोप है कि उन्होंने एक ठेकेदार को हाईवे के किनारे वाली की मूल्यवान सरकारी जमीन देकर उसके बदले में उससे सस्ती जमीन ली थी। इसमें भी ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। बघेल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बिना अभियोजन स्वीकृति चालान पेश करने पर सवाल उठाए थे।
इस पर ईओडब्ल्यू में तर्क दिया गया कि वह रिटायर्ड हो गई हैं, इसलिए स्वीकृति नहीं ली गई। न्यायालय ने शासन से अभियोजन स्वीकृति लेने को कहा। ईओडब्ल्यू ने 2017 में प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा, पर अभी तक मंजूरी नहीं मिली। अधिकारियों का कहना है इस मामले में भी डीओपीटी जल्द अनुमति दे सकता है। यानी रिटायर होने के बाद भी अंजू सिंह बघेल अभी अपने आपत्तिजनक फैसलों से मुक्त नहीं हुई!