मन की यह बात सबकी है…

मन की यह बात सबकी है…

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर को बहुत बड़े राष्ट्रव्यापी संगठन की नींव रखी जा रही है। इस संगठन का नाम है- मेरा युवा भारत। यानी एमवाय भारत संगठन। यह संगठन भारत सरकार के विभिन्न आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा। यह युवा शक्ति को एक करने का बड़ा प्रयास है। मैं युवाओं से आग्रह करुंगा कि आप सभी मेरे देश के नौजवान। मायभारतडॉटजीओवीडॉटइन पर रजिस्टर करें और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हों।यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले “मन की बात” में कही थी। सरदार पटेल के साथ युवाओं को जोड़ने की यह अनूठी सोच निश्चित तौर पर कारगर साबित होगी।

“मन की बात” में सरदार पटेल को याद किया जाना निश्चित तौर से हर भारतवासी के मन की चाहत में शुमार है। पर इस मन की बात के अन्य मुद्दे भी मन को छूने वाले थे। मोदी ने अपील की थी कि ‘वही सामान खरीदें, जिसमें देशवासी का पसीना हो’। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार त्योहारों पर हम ऐसे ही उत्पाद खरीदें जिसमें देशवासी के पसीने की महक हो, देश के युवा का टैलेंट हो। इससे देशवासियों को रोजगार मिलेगा। भारत आज बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है और कई बड़े ब्रांड भारत में अपने उत्पाद तैयार कर रहे हैं। अगर हम उन उत्पादों को अपनाते हैं तो इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सामान खरीदते हुए यूपीआई डिजिटल पेमेंट सिस्टम से ही भुगतान करें। चूंकि त्यौहारों का मौसम है, ऐसे में मोदी के मन की यह बात भारतीयों के हित में है।

और फिर बात हुई थी आदिवासी योद्धाओं और जनजातीय गौरव दिवस की।प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘भारतवर्ष में आदिवासी योद्धाओं का समृद्ध इतिहास रहा है। देश अपने आदिवासी समाज का कृतज्ञ है, जिन्होंने राष्ट्र के स्वाभिमान और उत्थान को हमेशा सर्वोपरि रखा है। इनमें तिलका मांझी ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठायी। सिद्धो कान्हू ने समानता की आवाज उठाई। टंट्या भील पर हमें गर्व है और शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धा से याद करते हैं। वीर रामजी गोंड हों, वीर गुंडाधुर या भीमा नायक, उनके साहस से हम आज भी प्रेरित होते हैं। अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासियों में जो अलख जगाई, उसे देश आज भी याद करता है। उत्तर पूर्व में कियांग नोबांग और रानी गाइदिन्ल्यू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ही राजमोहिनी देवी और रानी कमलापति जैसी वीरांगनाएं भी हैं।’ ’15 नवंबर को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा।’ यह विशेष दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती से जुड़ा है। भगवान बिरसा मुंडा हम सब के ह्रदय में बसे हैं। सच्चा साहस क्या है और अपनी संकल्प शक्ति पर अडिग रहना किसे कहते हैं, ये हम उनके जीवन से सीख सकते हैं। भगवान बिरसा मुंडा ने कभी विदेशी शासन को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने ऐसे समाज के बारे में सोचा, जहां कोई अन्याय ना हो। भगवान बिरसा मुंडा ने प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने पर भी जोर दिया। आज भी आदिवासी वर्ग के लोग प्रकृति की देखभाल और उसके संरक्षण के लिए समर्पित हैं। हम सब के लिए आदिवासी भाई-बहनों का काम बहुत प्रेरणादायी है।’

और फिर बात हुई थी खादी की। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली में खादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई। कनाट प्लेस के खादी स्टोर से ही एक दिन में डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान बिका। खादी महोत्सव में भी बिक्री के अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खादी की बिक्री बढ़ने का मतलब है कि इसका फायदा शहर से लेकर गांवों तक पहुंच रहा है। इससे हमारे बुनकर, हस्तशिल्प के कारीगर, किसान सबको लाभ मिल रहा है। यही वोकल फॉर लोकल अभियान की ताकत है। प्रधानमंत्री ने त्योहारों पर स्वदेशी सामान ही खरीदने की अपील की ताकि सभी देशवासियों को इसका फायदा मिल सके।

निश्चित तौर पर मोदी ने ‘मन की बात’ में और भी बहुत सारी बातें की होंगी। पर सरदार पटेल और युवाओं का संगठन, खादी, आदिवासी नायकों का स्मरण और देशवासियों की मेहनत को तवज्जो देने की बात हर भारतीय‌ के मन की बात है। हर व्यक्ति इन पर चिंतन भी करेगा, मनन भी करेगा और उम्मीद है कि जीवन में भी उतारेगा…।

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khusal kishore chturvedi
कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।