Ex Collector Punished : सरकारी काम निजी प्रिंटर से कराने और ज्यादा भुगतान पर कलेक्टर समेत 7 को सजा!
झाबुआ से कमलेश नाहर की रिपोर्ट
Jhabua : झाबुआ के पूर्व कलेक्टर सहित 7 को चार साल कैद की सजा सुनाई गई। प्रिंटिंग घोटाले में कोर्ट का फैसला
शनिवार को न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने सुनाया। इस मामले में दो आरोपितों को दोष मुक्त किया गया है। 2010 के इस मामले में शासकीय मुद्रणालय को शासकीय कारण देते हुए प्राइवेट प्रिंटर से प्रिंटिंग का काम कराया गया और उसे कई गुना ज्यादा का भुगतान किया गया इस मामले में कोर्ट ने 13 साल बाद सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद कलेक्टर समेत सभी सात आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा आरोपी जगदीश शर्मा पिता ब्रजनंदन शर्मा (शास्त्री) तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ, जगमोहन पिता गजरूप सिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नाथूसिंह पिता नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, अमित पिता आरएस दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक, सदाशिव पिता भीमसिंह डाबर तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत, आशीष पिता सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5-5 हजार रूपए का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4-4 रूपए से दंडित किया गया।
राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश पिता सत्यनारायण शर्मा भोपाल को धारा 13 (1) (डी), 13 (2) पीसी एक्ट एवं धारा 120 (बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपए एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
शासन की और से प्रकरण का संचालन राजीव रूसिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, मनीषा मुवेल, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं राजेन्द्र पालसिंह अलावा सहायक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर संभाग में परिवादी राजेश सोलंकी निवासी मेघनगर (झाबुआ) द्वारा विशेष न्यायालय झाबुआ के समक्ष एक लिखित परिवाद पत्र दिनांक 4 फरवरी 2010 को आरोपी जगदीश शर्मा आदि के विरूद्ध प्रस्तुत किया था। जिसमें परिवादी ने लेख किया था कि आरोपी अपने पद का दुरूपयोग कर प्रदेश शासन के आदेश के अनुसार शासकीय मुद्रण के समस्त कार्य शासकीय मुद्रणालय से न कराते हुए अन्य मुद्रणालय से कराकर निजी मुद्रणो को अवैध लाभ पहुंचाया है। न्यायालय द्वारा उक्त परिवाद जांच को विशेष पुलिस स्थापना को प्रेषित किया गया था। परिवाद पत्र के परीक्षण उपरांत न्यायालय के आदेश के क्रम में विशेष पुलिस स्थापना संगठन द्वारा पंजीयन उपरांत पुलिस अधीक्षक को जगदीश शर्मा के विरूद्ध परिवाद पत्र जांच के लिए प्राप्त हुआ।
इस आदेश के पालन में परिवाद पत्र की प्राथमिक जांच कर अपना प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना को प्रेषित किया था। जिसके आधार पर लोकायुक्त संगठन द्वारा अपराध पंजीयन का निर्णय लिया गया था। पुलिस अधीक्षक (वि.पु.स्था) लोकायुक्त के अनुसार अपराध पंजीबद्ध करने के लिए आदेशित किया था। जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्तों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना टेण्डर के शासकीय प्रेस से कई गुना महंगे दर से राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा, भोपाल से छपाई का कार्य करवाया था। मुद्रित सामग्री का देयक बिल सीधे पास कराया गया था।
तुलना कर गणना करने पर पाया गया कि लगभग 6 गुना अधिक मंहगे दर पर कार्य करवाते हुए आरोपियों द्वारा राशि 27,70,725 रूपए का अतिरिक्त अवैद्य भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया। जिसमें मुकेश शर्मा को 27,70,725 रूपए का गलत आर्थिक लाभ हुआ जिससे शासन को इतनी ही राशि की आर्थिक हानि हुई। इस प्रकार अभियुक्तगण द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आपराधिक षडयंत्र कर भ्रष्टाचार पूर्वक अनुचित एवं अत्यधिक लाभ अर्जित कर भ्रष्टाचार किया गया था। लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध अनुसंधान पूर्ण कर 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी), 420, 201, 467 भादवि के तहत विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से उक्त प्रकरण में कुल 34 अभियोजन साक्षीगण के कथन न्यायालय में करवाए गये एंव लिखित तर्क प्रस्तुत करते हुए अपना मामला बखुबी सिद्ध किया गया। जिससे विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा झाबुआ (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा आज अभियुक्त को दोषी पाते हुए जगदीश शर्मा, जगमोहन, अमित, सदाशिव, आशीष को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपए से दंडित किया गया।
राहुल प्रिटरर्स के मालिक मुकेश शर्मा को धारा 13 (1) (डी), 13 (2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रूपये का अर्थदण्ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया।