Ex IPS Alleging ₹381 Cheating : यूपी के पूर्व IG डीके पांडा को ₹381 करोड़ की ठगी में फंसाने की कोशिश, FIR दर्ज!

8 लाख नहीं देने पर उन्हें आतंकियों के लिए ‘टेरर फंडिंग' में फंसाने की धमकी!

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Ex IPS Alleging ₹381 Cheating : यूपी के पूर्व IG डीके पांडा को ₹381 करोड़ की ठगी में फंसाने की कोशिश, FIR दर्ज!

Prayagraj : उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस डीके पांडा ने खुद के साथ ₹381 करोड़ की साइबर ठगी का मामला दर्ज कराया है। प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, पहले साइबर ठगों ने उन्हें बताया कि आपने 381 करोड़ रुपए की रकम जीती है। ठगों ने ये रकम पूर्व आईपीएस के खाते में जमा करने के लिए पहले 8 लाख रुपए टैक्स और एनओसी शुल्क के रूप में मांगे। डीके पांडा ने ये पैसे देने से इनकार किया, तो ठगों ने उन्हें धमकी दी कि अगर रकम ट्रांसफर नहीं की गई, तो उस फंड को ‘टेरर फंडिंग’ में डायवर्ट कर उनको आतंकी गतिविधियों में फंसा दिया जाएगा।

पांडा को कहां से आई थी कॉल

ठगों ने इंटरनेशनल कॉलिंग का सहारा लेते हुए पांडा को वॉट्सएप पर कॉल कर संपर्क किया था। पहली कॉल साइप्रस से आई, जिसमें आरव शर्मा नामक व्यक्ति ने खुद को साइबर सिक्योरिटी से जुड़ा बताते हुए डीके पांडा से संपर्क किया। इस ठगी का प्रारंभिक चरण लंदन की एक ट्रेडिंग वेबसाइट finnixgroup.com के माध्यम से हुआ, जहां पांडा का संपर्क राहुल गुप्ता नामक व्यक्ति से हुआ, जिसने खुद को कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट से जुड़ा बताया। राहुल ने पांडा को ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश पर बड़ा लाभ दिखाते हुए उन्हें अपने जाल में फंसा लिया। जब पांडा ने इस बड़ी रकम को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की बात की, तो उनसे पहले टैक्स और अन्य शुल्क के रूप में 8 लाख रुपये मांगे।

जांच में शामिल प्रयागराज साइबर सेल के अनुसार, जब डीके पांडा को आरव शर्मा के आठ लाख रुपये मांगने पर शक हुआ, तो उन्होंने उससे उसका आई कार्ड मांगा। आरोप है कि फिर शर्मा ने डीके पांडा के ऑनलाइन ट्रेडिंग से कमाए फंड को टेरर फंडिंग में डाइवर्ट करने और फिर आतंकी गतिविधियों में फंसाने के नाम पर धमकाया गया। इसके बाद डीके पांडा ने एफआईआर दर्ज करवाई।

जानिए क्यों चर्चित रहे डीके पांडा

उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस रहे डीके पांडा हमेशा से चर्चा में रहे हैं। नौकरी में रहने के दौरान वह राधा रानी का वेश धारण करके ऑफिस पहुंचे थे। जब पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि भगवान कृष्‍ण उनके सपने में आए थे। वह कुछ साल तक राधा बने रहे। इसके बाद बाबा कृष्‍णानंद बन गए और पीतांबर धारण करने लगे। पांडा ने साल 2005 में वीआरएस ले लिया था।