धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : जिला मुख्यालय के नजदीक के गांव गुणावद मे मोहर्रम के जुलूस में आपसी सामंजस्य का नजारा देखने को मिला। यहां निकले मोहर्रम के जुलूस के दौरान बैंड बाजे वाली टीम के साथ कव्वालों ने महाभारत के टाइटल सांग ‘यदा यदा ही धर्मस्य’ गाकर भारी दाद बटोरी।
इस छोटे से गांव गुणावद को सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है। यहाँ हिंदू-मुस्लिमों के बीच भाई चारे का माहौल है। सभी प्रेमपूर्वक रहते है और दोनों के त्यौहार भी धूमधाम से एक साथ मनाये जाते हैं। यहाँ मोहर्रम के पर्व पर मुस्लिम समाज के ताजिये गाँव के बाजार से निकाले गए।
खास बात यह रही कि इस जुलूस में मुस्लिम लोगों के साथ हिंदू लोग भी शामिल हुए। इस जुलूस में कव्वाली के साथ ही महाभारत का टाईटल सांग ‘यदा यदा ही धर्मस्य’ भी गाया और इसके साथ ही कुछ भजन भी गाए।
साथ ही तिरंगा झंडा भी लोगों के हाथ में दिखाई दिया। ये नजारा देखकर आसपास के इलाको के गाँवों के लोगों में यह विषय चर्चा का विषय बन गया।
गाँव के मुस्लिम भाई डॉ जाकिर का कहना है कि गाँव में बरसों से हिंदू मुस्लिम समाज के लोग एक दूसरे के त्यौहार मिलकर धूमधाम से मनाते हैं। इतना ही नहीं गाँव मे किसी के यहाँ कोई शादी ब्याह या अन्य काम भी होता है तो मिलकर ही सभी लोग सहयोग करते हैं।
डॉ जाकिर ने बताया कि यह बहुत अच्छा है प्रेम और मुहोब्बत की मिसाल है। देश के अंदर प्रेम और भाई चारा बना रहे। हमारे गांव में पहली बार नहीं हर बार हमने जबसे जन्म लिया है तब से देखते आ रहे हैं।
सोमवार को हमारे यहां शंकर जी का छबीना निकला, पर ऐसा नहीं लगा कि यह त्यौहार हिंदुओं का है। सब एक हैं, बस आराधना करने के तरीके अनेक है। यह संदेश हमारे माँ बाप हमें दे गए हैं। उसी मार्गदर्शन पर हम चल रहे हैं।
वही गाँव के हिंदू लोग भी मुस्लिम समाज के हर त्यौहार में शामिल होते हैं। मोहर्रम के जुलूस में तो कव्वालों ने हिंदू भाईयों की संख्या काफी मात्रा में देखकर जुलूस के दौरान महाभारत का टाईटल सांग यदा यदा ही धर्मस्य के साथ ही अन्य भजन भी गाए। साथ ही तिरंगा भी लोगों के हाथों में दिखाई दिया।
हिंदू समाज के लोगो का कहना है, कि उनके गाँव मे सांप्रदायिक सद्भाव की यह अनूठी मिसाल है, ऐसे ही सभी धर्म के लोगों को मिलजुलकर प्रेम से रहना चाहिए।
गांव के रहवासी राजेश वैष्णव ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान हमेशा से यहाँ त्यौहार मनाते आए हैं। सभी मिलकर मनाते हैं, सभी में सद्भावना भी है। सभी भाई मिलकर मनाते हैं। अभी छबीना निकला था, तो मुस्लिमों ने भी उसमें शामिल होकर एकता की मिसाल दी और हमने भी जुलूस में ताजिए उठाए। यहां कव्वाल आए थे, उनको लगा कि यहां पर हिन्दू मुस्लिम एक साथ त्यौहार मना रहे है तो उन्होंने भजन भी गाए और महाभारत का टाइटल सांग भी गाया।