

‘Order of Canada’:कनाडा के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भारतीय मूल के 2 शिक्षाविद भी सम्मानित !
कनाडा ने इस वर्ष अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ कनाडा’ के लिए 83 नए सदस्यों की घोषणा की है। इस सूची में भारतीय-कनाडाई शिक्षाविद प्रोफेसर महेश चंद्र शर्मा और डॉ. सरोज सैगल भी शामिल हैं।कनाडा ने इस वर्ष अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ कनाडा’ के लिए 83 नए सदस्यों की घोषणा की है। इस सूची में भारतीय-कनाडाई शिक्षाविद प्रोफेसर महेश चंद्र शर्मा और डॉ. सरोज सैगल भी शामिल हैं।
प्रोफेसर महेश शर्मा मॉन्ट्रियल के कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय में आपूर्ति श्रृंखला और व्यवसाय प्रौद्योगिकी प्रबंधन के प्रोफेसर हैं। भारत में जन्मे प्रोफेसर महेश चंद्र शर्मा,{ जिन्होंने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट में अपने परिवार के चार सदस्यों को खो दिया था,जिसमें उनकी पत्नी, दो बच्चे और सास भी शिकार बनीं। इस दर्दनाक घटना को कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना माना जाता है।} को सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, ऑर्डर ऑफ कनाडा से सम्मानित किया गया है। वह कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, और उन्हें उनके शैक्षणिक और परोपकारी कार्यों के लिए जाना जाता है।
गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने प्रोफेसर शर्मा को ‘ऑर्डर ऑफ कनाडा’ का सदस्य नियुक्त किया। सम्मान पत्र में बताया गया है कि वे एक समाज सेवा से जुड़े दयालु नेता हैं, जिन्होंने अपने परिवार की याद में छात्रवृत्ति भी स्थापित की है। वे कमजोर वर्गों और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से योगदान देते हैं।
सूची में एक अन्य भारतीय-कनाडाई प्रोफेसर डॉ. सरोज सैगल भी हैं, जो हैमिल्टन के मैकमास्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस हैं। उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ कनाडा’ के अधिकारी के रूप में चुना गया है। डॉ. सैगल नवजात विज्ञान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शोधकर्ता हैं। उन्होंने समय से पहले जन्मे बच्चों की देखभाल और उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों पर महत्वपूर्ण काम किया है। डॉ. सैगल ने भारत से चिकित्सा की पढ़ाई की है और बाल चिकित्सा में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान कनाडा में स्वास्थ्य सेवा में अहम भूमिका निभाने वाली डॉ. थेरेसा टैम और डॉ. बोनी हेनरी को भी ऑर्डर ऑफ कनाडा के अधिकारी के रूप में सम्मानित किया गया है।
गवर्नर जनरल के कार्यालय ने कनाडा के ऑर्डर को देश की सम्मान प्रणाली की आधारशिला बताया है। 1967 से अब तक 8,200 से अधिक लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।