Exodus Of Hindus From A Village: इस गांव में हिंदू अब यहाँ रहना नहीं चाहते!

क्यों गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को प्रशासन को देने पड़े निर्देश

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रतलाम से रमेश सोनी की विशेष रिपोर्ट

Ratlam : जिले के एक गांव में हिंदुओं के घर बिकाऊ हैं। हिंदू भले बेचना न चाहें, पर परेशान होकर उन्होंने अपने घरों के बाहर ये लिख जरूर दिया। वे यहाँ से पलायन करना चाहते हैं।  क्योंकि, यहाँ के अन्य समुदाय के लड़के उनसे विवाद करते रहते हैं और इस कारण वे डरे हुए हैं। वे गांव छोड़ना चाहते हैं। न तो प्रशासन उनकी मदद कर रहा है न पुलिस।

उत्तर प्रदेश के कैराना गांव जैसी घटना की याद आ रही है जहां हिंदुओं के पलायन का मामला लम्बे समय तक चर्चा में था। कुछ वैसा ही मामला रतलाम के सुराणा गांव का भी है। जनप्रतिनिधियों से भी वे निराश हैं। अब यह बात प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तक की जानकारी में आई है।

मंगलवार को रतलाम जिले के ग्राम सुराणा के भयभीत ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के विरोध में नारेबाजी की और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को इस बारे में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई कि हमारी जमीन लेकर हमें दूसरे स्थान पर पट्टे दीजिए। हम गांव छोड़कर जाना चाहते हैं। उन्होंने गांव छोड़ने का कारण अन्य समुदाय के गुंडों से भय बताया। उनके साथ मारपीट की जाती है और प्रताड़ित किया जाता है।

ग्रामीणों की शिकायत थी, कि इस बात को लेकर जब हम एसपी के पास पहुंचे, तो उन्होंने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने को लेकर उल्टा हमें ही दोषी ठहराते हुए कहा कि आप लोगों पर सख्त कार्यवाही कर आपके मकान गिरवा देंगे। इसके बाद ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां कलेक्टर के नाम एसडीएम अभिषेक गहलोत को ज्ञापन देकर SP के खिलाफ नारेबाजी की।

जिले की बड़ौदिया पंचायत के ग्राम सुराणा में 225 मकानों में से 150 मकान हिंदू के अलावा अन्य समुदाय के है। यहाँ की आबादी 2200 है। अभी तक यहां तीन-चार बार आपसी विवाद भी हुए। यहाँ के बिगड़ते हालात को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई। भाजपा के जिला अध्यक्ष और ग्रामीण विधायक ने भी मामले में ग्रामीणों से चर्चा की। इस मामले को देखने और समझने आज कलेक्टर और एसपी भी ग्राम सुराणा गए। यह जानकारी प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक पहुंची, तो उन्होंने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए रतलाम SP से बात की।

पुलिस तक पहुंची शिकायत

मामला फ़िलहाल इसलिए उठा कि गांव के अन्य समाज के व्यक्ति ने शिवाजी के नाम पर सोशल मीडिया पर अनर्गल टिप्पणी की। इस बात पर ग्रामीणों ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस बात पर शिकायत करने वाले मुकेश जाट को उसके घर पहुंचकर शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया गया। ऐसे में विवाद बढ़ा और मारपीट भी हुई।

 

चार महीने पहले का मामला

पिछले साल अक्टूबर में गांव के वर्ग विशेष के लोगों ने लॉकडाउन के बावजूद जुलूस निकाला और रात में गांव में लगे बजरंग दल के झंडे जलाते हुए गांव के धाकड़ समाज की जमीन पर अतिक्रमण कर सुविधाघर बना दिया। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने शिकायत भी की, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। वर्ग विशेष द्वारा बार-बार गांव के लोगों को डराया-धमकाया भी जाता रहा है। उनका आरोप है कि एक तरफ प्रशासन हमारी बात नहीं सुनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। हारकर गांव वाले SP के पास पहुंचे वो वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी। तब वे कलेक्टर से मिले और ज्ञापन दिया।

तनाव में रहते हुए ग्रामीणों ने अपने घरों के बाहर ‘यह मकान बिकाऊ है’ की तख्तियां लगा दी। उनका कहना है कि कब तक झगड़ेंगे विवाद चलता रहेगा। इन झगड़ों के कारण परिवार में भय है और महिलाएं, बच्चे तनाव में हैं।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान

 

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा ‘मैंने भी आज समाचार में देखा है, मैं आज प्रशासन से सारी बात करूंगा, कोई भय का वातावरण कहीं नहीं फैला सकता। यह हमारी चिंता का विषय है और लोग निश्चिंत रहें, मैं उनको बता रहा हूं। आज SP से बात करूंगा।’

क्या कहते हैं एसपी

तीन दिन पहले गांव के युवक के साथ मारपीट हुई थी। वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है। गांव के लोगों के आपसी विवाद को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश की जा रही थी। कल मेरे ऑफिस में आए ग्रामीणों से भी यही कहा था कि आपसी विवाद को साम्प्रदायिक रुप न दें।