Eye Donation : स्वर्ण नगरी बनी नेत्रदान नगरी 1 घंटे में सम्पन्न हुए 2 नेत्रदान!
Ratlam : शहर में धीरे धीरे नेत्रदान की सहमति देने वाले परिवारों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही हैं। और इसका श्रेय जाता हैं शहर के उन समाजसेवियों और संस्था को जो मृतक के परिवार को नेत्रदान करने की प्रेरणा और समझाइश देते हैं और उनकी प्रेरणा से अधिकांश मामलों में नेत्रदान को लेकर परिजनों की सहमति बनती हैं।
बुधवार को शहर में एक घंटे के भीतर 2 लोगों के नेत्रदान हुए। पहला नेत्रदान शहर के नया गांव स्थित टैंकर रोड निवासी श्रीमती बृजकुंवर पंवार के निधन होने पर समाजसेवी जनक नागल ने उनके सुपुत्र निर्मल सिंह, मंगल सिंह पंवार एवम परिजनों को नेत्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही दूसरा नेत्रदान राजस्व कालोनी निवासी परमेश्वरी कौर अरोरा के असामयिक निधन होने पर समाजसेवी मीनु माथुर, अंकित अग्रवाल ने उनके सुपुत्र सरदार रणजीत सिंह, करतार सिंह, दर्शन सिंह एवम परिजनों को माताजी के नेत्रदान करने की प्रेरणा दी।
इस संदर्भ में नेत्रम संस्था के सक्रिय सदस्य हेमन्त मूणत ने बताया की दोनों ही मृतक के परिजनों की नेत्रदान हेतु स्वीकृति मिलते ही संस्था द्वारा मेडिकल कालेज डीन अनीता मुथा को सूचित किया गया। डॉ मुथा के निर्देश पर नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष रिशेन्द्र सिसोदिया के नेतृत्व में नर्सिंग ऑफिसर विनोद कुशवाह, हैप्पी पीटर द्वारा प्रहलाद गेहलोत के सहयोग से दोनों मृतक का कार्निया लेने की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए सफल नेत्रदान करवाया।
दोनों नेत्रदान के लिए समाजसेवी मीनु माथुर अपने निजी वाहन से मेडिकल कालेज पहुंचे और वहां से टीम को लेकर मृतक के निवास स्थान पर पंहुचे और नेत्रदान होने के पश्चात पुनः टीम को मेडिकल कालेज छोड़ा। नेत्रदान के दौरान हेमन्त मूणत, ओमप्रकाश अग्रवाल, भगवान ढालवानी, गिरधारी लाल वर्धानी, मीनु माथुर, शलभ अग्रवाल उपिस्थित थे। नेत्रम संस्था के प्रशान्त व्यास, शीतल भंसाली, रजनीश पाटीदार, सुरेश पाटीदार, संजय नेनानी, अजय भंडारी, आशीष काबरा, राखी व्यास, सपना दुबे, मंजुला माहेश्वरी, रीना टाक, कश्मीरा पाठक ने पंवार एवम अरोरा परिवार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए दोनों परिवारों का आभार व्यक्त किया!