
Eye Donation : समाजसेवी किशनचंद कुकरेजा का निधन, परिजनों की सहमति से हुआ नेत्रदान!
Ratlam : शहर की न्यू रोड निवासी स्वर्गीय गोविंदराम कुकरेजा के सुपुत्र किशनचंद कुकरेजा के निधन उपरांत उनके परिजनों द्वारा नेत्रदान की सहमति देना समाज के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बनकर सामने आया है। इस पुनीत निर्णय से 2 नेत्रहीनों को नई दृष्टि प्राप्त होने का अवसर मिलेगा।
नेत्रम संस्था के मार्गदर्शन में सम्पन्न नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान उपस्थित परिवारजन, रिश्तेदार एवं समाजजनों ने प्रत्यक्ष रूप से कार्निया संरक्षण की प्रक्रिया को देखा। इस अवसर पर यह स्पष्ट हुआ कि नेत्रदान एक सरल, सुरक्षित एवं पूर्णतः सम्मानजनक प्रक्रिया है। इससे जुड़ी अनेक भ्रांतियां दूर हुईं तथा कई नागरिकों ने भविष्य में नेत्रदान करने का संकल्प भी लिया।रेडक्रॉस सोसायटी के संचालक एवं नेत्रम संस्था के संस्थापक हेमंत मूणत ने जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान मृत्यु के बाद किया जाने वाला ऐसा महादान है, जिससे 2 व्यक्तियों के जीवन में पुनः प्रकाश लौटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “नेत्रदान से न तो शरीर को कोई नुकसान होता है और न ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा आती है।” नेत्रम संस्था के भगवान ढलवानी की प्रेरणा से दिवंगत के सुपुत्र पवन कुकरेजा एवं उनके परिवारजनों ने नेत्रदान हेतु सहमति प्रदान कर मानव सेवा की एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत की।
हेमंत मूणत, नवनीत मेहता, ओमप्रकाश अग्रवाल, शीतल भंसाली, शलभ अग्रवाल, प्रशांत व्यास, भगवान ढलवानी, गिरधारीलाल वर्धानी, राजकुमार मलकानी, सुंदर केवलरमानी, नरेंद्र मेघानी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहें।नेत्रम संस्था ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे जीवित रहते हुए नेत्रदान का संकल्प लें और इसकी जानकारी अपने परिजनों को अवश्य दें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर समय रहते यह पुण्य कार्य सम्पन्न किया जा सके। संस्था की प्रशिक्षित टीम किसी भी समय आवश्यक मार्गदर्शन एवं सम्पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहती हैं!





