नगरीय विकास एवं आवास विभाग में फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली से पारदर्शिता, दक्षता और आर्थिक बचत सुनिश्चित

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नगरीय विकास एवं आवास विभाग में फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली से पारदर्शिता, दक्षता और आर्थिक बचत सुनिश्चित

भोपाल.नगरीय विकास विभाग द्वारा हाल ही में लागू की गई कृत्रिम फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली ने कार्यस्थलों पर पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस नई तकनीक के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति, समयपालन और कार्यकुशलता की निगरानी वास्तविक समय में की जा रही है, जिससे विभाग के संचालन में अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावना को बल मिल रहा है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त श्री संकेत भोंडवे ने बताया कि

इस प्रणाली के लागू होने से नकली वेतन भुगतान की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है और आर्थिक बचत सुनिश्चित की जा रही है। अब तक 5000 से अधिक गैरहाजिर या फर्जी नामों को ड्यूटी सूची से हटाया जा चुका है, जिससे वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव हुआ है। इसके साथ ही, शहरी निकायों में डीज़ल चोरी जैसी अनियमितताओं पर भी रोक लग रही है, जो अब तक विभाग का तीसरा सबसे बड़ा व्यय मद रहा है। एईबीएएस प्रणाली के माध्यम से निगरानी तंत्र सशक्त होने के कारण डीज़ल और ऊर्जा पर होने वाले अनावश्यक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की जा रही है।

आयुक्त ने कहा है कि

वर्तमान में कुछ स्थानों पर विशेषकर नगर निगम के वाहन चालकों द्वारा इस प्रणाली के विरोध में असंतोष या हड़ताल जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु अधिकांश सफाई कर्मी और अन्य कर्मचारी इस व्यवस्था का स्वागत कर रहे हैं तथा इसे पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।

एईबीएएस प्रणाली के लागू होने से शहरी विकास विभाग की प्रमुख व्यय मदें — वेतन, ऊर्जा और डीज़ल — में सीधे सुधार हो रहा है। इसके लिए जिनके पास

आधुनिक क्षमतापूर्ण मोबाइल नहीं है ऐसे

स्वच्छताकर्मी की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सुपरवाइजर्स को टैबलेट भी उपलब्ध कराया जा रहा है l यह पहल भविष्य में विकसित होने वाली ई-एचआरएमएस (E-HRMS) प्रणाली की आधारशिला भी बनेगी, जिसके माध्यम से संपूर्ण मानव संसाधन प्रबंधन को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

नगरीय विकास विभाग इस तकनीकी नवाचार को सुशासन, दक्षता और पारदर्शिता की दिशा में एक मील का पत्थर मानता है।