Fake CBI Team : नकली CBI टीम ने ₹2.3 करोड़ लूटे, असली पुलिस ने 3 को पकड़कर 1.8 करोड़ बरामद किए!

पुलिस ने लुटेरों की कार का नंबर ट्रेस किया और धर दबोचा!

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Fake CBI Team : नकली CBI टीम ने ₹2.3 करोड़ लूटे, असली पुलिस ने 3 को पकड़कर 1.8 करोड़ बरामद किए!

    New Delhi : विवेक विहार इलाके में हुई लूट के मामले में पुलिस को कामयाबी मिली। आरोपियों ने करीब 2.3 करोड़ रुपए लूट की थी। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर 1.08 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले मनप्रीत जो फाइनेंस, प्रॉपर्टी डीलिंग और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस करते हैं, उन्होंने बताया कि उनका ऑफिस विवेक विहार में है। बीते 6-7 महीनों में उनके पास लगभग 2.5 करोड़ रुपए इकट्ठा हुए थे, जो उन्होंने उसी घर में रखे हुए थे।

पीड़ित ने बताया कि 19 अगस्त को किसी जरूरी काम की वजह से उन्होंने अपने दोस्त रवि शंकर को वहां से 1.10 करोड़ रुपए लाने के लिए भेजा था। रवि जैसे ही पैसे लेकर, वहां से बाहर निकला और बाइक पर बैठे तो दो अर्टिगा गाड़ियों से चार लोग आए, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। उसने खुद को सीबीआई अफसर बताकर रवि को रोक लिया।

इसके बाद 2 लोगों ने रवि के साथ मारपीट की और उसे धमकाकर घर के अंदर ले गए। वहीं मौजूद दीपक महेश्वरी नामक कर्मचारी के साथ भी मारपीट की और बाकी पैसे भी लूट लिए। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने रवि और दीपक को अपनी गाड़ी में बैठाकर अगवा कर लिया। उन्हें अलग-अलग जगहों, चिंतामणि अंडरपास और निगमबोध घाट के पास छोड़कर फरार हो गए। वहीं आरोपियों ने जाते-जाते दोनों को धमकी दी कि किसी को कुछ बताया तो अंजाम बुरा होगा।

 

पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया

पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार को ट्रैक किया। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से अर्टिगा कार का नंबर निकाला। जांच में पता चला कि ये गाड़ी फरीदाबाद से किराए पर ली गई थीं और इन्हें साकेत मेट्रो स्टेशन के पास एक एनजीओ द्वारा बुक कराया गया था।

जानकारी मिलने के बाद पुलिस एनजीओ के ऑफिस पहुंची। यहां से पापोरी बरुआ (31 वर्ष, असम निवासी) और दीपक (32 वर्ष, तुगलकाबाद निवासी) को गिरफ्तार किया। उनके पास से 1.08 करोड़ रुपए नकद बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि अभी और भी आरोपी फरार हैं और बाकी रकम की बरामदगी के लिए छापेमारी जारी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस गैंग में 4 महिलाएं और 4 से 5 अन्य आरोपी शामिल थे फिलहाल बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद चुनौतीपूर्ण था। क्योंकि, आरोपियों ने सीबीआई का नाम लेकर वारदात की थी। शुरुआत में यह एक ब्लाइंड केस था, लेकिन तकनीकी जांच और टीमवर्क की बदौलत आरोपियों तक पहुंचा जा सका.।