
Fake IAS officer exposed : सत्ता, रुतबा और ठगी का पूरा खेल
Gorakhpur: सरकारी सेवा का नाम आते ही भरोसा, अनुशासन और जवाबदेही की छवि सामने आती है। लेकिन जब यही पहचान किसी छलावे का औजार बन जाए, तब न केवल लोग ठगे जाते हैं बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े होते हैं। गोरखपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया फर्जी IAS अधिकारी इसी खतरनाक छलावे की कहानी है। बिहार के एक युवक ने खुद को 2022 बैच का IAS बताकर ऐसा जाल बुना कि अफसर, ठेकेदार, व्यापारी और नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा तक उसके प्रभाव में आ गए। बीकन लगी गाड़ी, सरकारी प्रोटोकॉल, नकली दस्तावेज और रुतबे की आड़ में उसने कई राज्यों में ठगी का नेटवर्क खड़ा कर दिया।
▪️कौन है फर्जी IAS
▫️गिरफ्तार आरोपी का नाम गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर बताया गया है। वह बिहार के सीतामढ़ी जिले का निवासी है और गणित विषय में पोस्ट ग्रेजुएट है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसने सिविल सेवा की तैयारी की थी, लेकिन UPSC की परीक्षा पास नहीं कर सका। इसके बाद उसने खुद को IAS अधिकारी बताकर लोगों को प्रभावित करने और ठगी करने का रास्ता चुना। वह खुद को IAS 2022 बैच का अधिकारी बताता था, जबकि यह दावा पूरी तरह झूठा है।

▪️फर्जी पहचान का पूरा ढांचा
▫️गौरव ने अपनी झूठी पहचान को असली दिखाने के लिए पूरा इकोसिस्टम तैयार किया। उसके पास नकली नियुक्ति पत्र, फर्जी पहचान पत्र और सरकारी दस्तावेज मिले हैं। वह बीकन लगी इनोवा गाड़ी में चलता था और अपने साथ कई लोगों का काफिला रखता था ताकि रुतबे का माहौल बना रहे। जांच में यह भी सामने आया है कि वह हर महीने भारी रकम खर्च कर इस फर्जी शान को जिंदा रखता था।
▪️कई राज्यों में फैला जाल
▫️पुलिस के मुताबिक आरोपी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सक्रिय रहा। वह ठेकेदारों और नौकरी चाहने वालों को निशाना बनाता था। किसी को सरकारी टेंडर दिलाने का भरोसा देता, तो किसी को पोस्टिंग और नियुक्ति का सपना दिखाता। इस झूठे भरोसे के बदले वह मोटी रकम वसूलता रहा। अब तक चालीस से अधिक लोगों के ठगे जाने की बात सामने आई है और ठगी की राशि करोड़ों में बताई जा रही है।

▪️अफसरों को भी दिखाया रुतबा
▫️जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी खुद को इतना प्रभावशाली दिखाता था कि कई जगह स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी भी उसके दावों पर संदेह नहीं कर पाए। एक घटना में उसने खुद को पहचान न मिलने पर एक राजस्व अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार किया था। हालांकि इस प्रकरण की जांच अलग स्तर पर चल रही है और सभी तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।
▪️निजी जीवन की परतें
▫️पुलिस जांच में आरोपी की निजी जिंदगी से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। वह खुद को सीनियर अफसर बताकर निजी रिश्तों में भी इसी झूठी पहचान का इस्तेमाल करता था। इन मामलों की जांच जारी है और पुलिस अलग अलग पहलुओं को खंगाल रही है।

▪️कैसे हुआ पर्दाफाश
▫️इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब गोरखपुर स्टेशन पर एक व्यापारी को बड़ी रकम के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में पैसे का कनेक्शन कथित IAS अधिकारी तक पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर गौरव कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से नकली दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य सामग्री जब्त की गई, जिनकी जांच की जा रही है।
▪️पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
▫️गोरखपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। उसके सहयोगियों और नेटवर्क की भी तलाश की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे फर्जी सिस्टम में और कौन कौन लोग शामिल थे और कितने लोगों को अब तक नुकसान पहुंचाया गया।

▪️और अंत में••••
▫️फर्जी IAS की यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की ठगी नहीं है, बल्कि यह बताती है कि सत्ता और रुतबे का भ्रम किस तरह समाज में भरोसे को तोड़ सकता है। प्रशासन और आम लोगों दोनों के लिए यह चेतावनी है कि किसी भी बड़े दावे और प्रभावशाली पहचान को बिना सत्यापन स्वीकार करना खतरनाक हो सकता है। पुलिस की कार्रवाई से भले ही यह जाल टूटा हो, लेकिन ऐसे मामलों से सतर्क रहना समय की बड़ी जरूरत है।





