Fake Marksheet Scandal : फर्जी डिग्री कांड में कई नए राज खुले, कई राज्यों में डिग्री बेची!

एक डॉक्टर को भी डिग्री बेची, 8वीं से बीएएमएस, बीएचएमएस तक की डिग्री का फर्जीवाड़ा!

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Fake Marksheet Scandal : फर्जी डिग्री कांड में कई नए राज खुले, कई राज्यों में डिग्री बेची!

Indore: कई तरह की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचने वालों से पुलिस पूछताछ जारी है। अब पुलिस उन लोगों तक पहुंच रही है, जिन्होंने रुपए देकर मार्कशीट और डिग्री बनवाई थी। पुलिस ने सोमवार रात दो और लोगों को हिरासत में लिया। जिसमें से एक भी है जिसने डॉक्टर की डिग्री बनवाई थी। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। इस फर्जी डिग्री का कहां इस्तेमाल हुआ इस बारे में जांच शुरू हो गई।

अब तक पांच युवकों को हिरासत में लिया है। सभी से अलग-अलग पूछताछ की गई। इससे खुलासा हुआ है कि आरोपी दिनेश तिरोले फर्जी मार्कशीट बनाकर देता था। उज्जैन के घटि्टया का मनीष राठौर भी उससे मिला हुआ है। उज्जैन बेल्ट में फर्जी मार्कशीट चाहने वाले स्टूडेंट्स को वही इंदौर में दिनेश के पास भिजवाता था। दोनों को पकड़ा जा चुका है, ये लोग डॉक्टर की डिग्री तक बनाकर बेच चुके हैं। इस कांड से जुड़े हुए और लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। इस मामले में एक बीजेपी नेता से इनके तार जुड़े होने की बात सामने आई। लेकिन, पुलिस अभी और टटोल रही है।
विजय नगर थाना प्रभारी रवींद्र गुर्जर के मुताबिक, दिनेश तिरोले और मनीष राठौर को रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ के दौरान मुकेश व एक अन्य का नाम सामने आया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। उनसे पूछताछ चल रही है। टीआई के मुताबिक, मनीष राठौर और दिनेश तिरोले 30 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक लेते थे। सालों से फर्जीवाड़ा चल रहा था। आरोपियों ने एडमिशन लेने गए आशीष श्रीवास्तव नामक छात्र से 10 हजार रुपए की धोखाधड़ी की, तब पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ।

डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक आशीष श्रीवास्तव निवासी पूनम कॉलोनी की शिकायत के बाद आरोपी दिनेश तिरोले को गिरफ्तार किया गया। दिनेश ने अब तक की पूछताछ में बताया कि वह एक हजार से ज्यादा फर्जी मार्कशीट तैयार करके बेच चुका है। उसने उज्जैन के साथी मनीष की भी जानकारी दी है। उसे भी गिरफ्तार कर इंदौर लाया गया। मनीष के पास पुलिस को बीएचएमओ की डिग्री पुलिस को मिली है। वह खुद के नाम के साथ डॉक्टर लिखता था। पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि मनीष सच में डॉक्टर है भी या नहीं। कहीं उसने फर्जी तरीके से तो डिग्री हासिल नहीं की है। रात में इस मामले में विजय नगर पुलिस ने मुकेश तिवारी निवासी अन्नपूर्णा व एक अन्य को भी पकड़ा है। मुकेश भी मनीष के साथ इसी काम से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक उसके पास भी डॉक्टर की डिग्री है। वहीं महू नाका इलाके में रहने वाले एक अन्य की भी पुलिस को जानकारी लगी।

फर्जी मार्कशीट बनाना स्वीकारा
आरोपियों से पूछताछ में बताया कि दिनेश और मनीष राठौर शिक्षक है। दिनेश इंदौर और मनीष उज्जैन में सक्रिय था। मनीष जरूरतमंदों को दिनेश के पास भिजवा देता था। आरोपियों ने बताया कि 8वीं, 10वीं, 12वीं की फर्जी मार्कशीट, ग्रेजुएशन, बी-फार्मा, बीएएमएस, बीएचएमएस बना देते थे। आरोपियों ने दिल्ली, बिहार, यूपी, राजस्थान और पंजाब के बड़े कॉलेज की मार्कशीट बनाना स्वीकार है। पुलिस अब उन कॉलेज और स्कूल को भी पत्र लिख रही है जिनके नाम से मार्कशीट व डिग्री बनाई गई।

बैंक खातों को खंगाला जाएगा
टीआई के मुताबिक, मनीष और दिनेश से भारी तादाद में फर्जी मार्कशीट बनाने की सामग्री मिली है। पुलिस इनके मोबाइल नंबर की भी जांच करेगी। पता लगाया जाएगा कि कौन-कौन इनके संपर्क में था। साथ में उनके बैंक खातों की भी जांच की जाएगी। जिन लोगों को हिरासत में लिया उनसे भी पूछताछ चल रही है।

शुरुआती पूछताछ में ही पोल खुली
टीआई रवींद्र गुर्जर ने आरोपी तिरोले को पकड़ा तो पूछताछ में ही उसके पास 25 फर्जी मार्कशीट मिल गई। जब सख्ती बरती तो उसने अपने साथी मनीष राठौर की जानकारी दी। जब मनीष को गिरफ्तार किया तो इनका अंतरराज्यीय रैकेट निकला। ये गिरोह 8वीं, 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन के अलावा बी फार्मा, बीएएमएस, बीएचएमएस की भी फर्जी मार्कशीट बनाकर बेच चुके हैं। यही नहीं, कई राज्यों में वहां के नामी कॉलेज व यूनिवर्सिटी की मार्कशीट तैयार कर देते थे। इनके पास पूरा सेटअप मिला है, जिसमें ये इंटरनेट की मदद से संबंधित कॉलेज की हूबहू मार्कशीट की स्टाइल कॉपी कर प्रिंट निकाल लेते थे।

भोपाल यूनिवर्सिटी का अपनी डिग्री से इंकार
आरोपियों के पास से जो डिग्री मिली है, उसमें से कई भोपाल की यूनिवर्सिटी से बनाई गई हैं। डीसीपी अभिषेक आनंद के मुताबिक भोपाल की एक यूनिवर्सिटी से इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने अपने यहां से इस तरह की डिग्री जारी होने की बात से मना कर दिया। अभी आरोपियों से यह भी पता लगाया जा रहा है कि उक्त डिग्री उन्होंने किस तरह से बनाई है।