Fake Medical Certificate : RTO में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट मामले में डॉक्टर गिरफ्तार!

एजेंटों के पास सील लगे खाली मेडिकल सर्टिफिकेट मिले

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Indore : पुलिस ने दो दिन पहले जिन सात RTO एजेंटों को फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यूवल करने के आरोप में पकड़ा था, उसके पास मिले खाली मेडिकल सर्टिफिकेट पर जिस डॉ रेखा भाटिया की सील लगी मिली थी। उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया गया।

तेजाजी नगर पुलिस ने सोमवार शाम डॉ रेखा भाटिया को गिरफ्तार किया। एजेंट्स के पास से रेखा के नाम की सील वाले मेडिकल सर्टिफिकेट मिले थे। पुलिस ने बताया कि रेखा ने पाकिस्तान के कराची से डॉक्टर की डिग्री ली है। वे एयरपोर्ट रोड पर अपना निजी क्लिनिक संचालित करती है। पुलिस मामले में आरोपी महिला से पूछताछ कर रही है।

दो दिन पहले तेजाजी नगर पुलिस ने RTO ऑफिस में दलाली करने वाले सात एजेंटों को पकड़ा था। ये फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट से अभी तक हजारों लाइसेंसों का रिन्युअल करवा चुके है। RTO के बाबू भी फर्जी प्रमाण पत्र की जानकारी रखते थे।


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एवजियों से मिलीभगत कर सालों से यह फर्जीवाड़ा चल रहा था। पुलिस अब बाबू और एवजियों की भूमिका जांच रही है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वे RTO के सामने बनी एक इमारत में बैठकर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाते थे। आरोपियों के मुताबिक फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के बारे में बाबुओं को भी पता था। क्योंकि, उनके अधीन काम करने वाले एवजियों के माध्यम से ही सारा खेल चल रहा था। आवेदक से ज्यादा पैसे लेकर एजेंट एवजियों को भी हिस्सा देते हैं।

सालों से जमे एक बाबू का करीबी विजय खंडेलवाल, पप्पू तांबे, भैयाजी और बंदू नाम के एवजी ही पूरी प्रक्रिया पूरी करता था। एवजी खुद मेडिकल के लिए ग्राहक भेजते है। ये एजेंट खुद ही नोटशीट लिखते ही और बाबू सिर्फ चिड़िया बैठा देता था। बाद में लाइसेंस तैयार कर एजेंट को सौंप देता था। जानकारी के मुताबिक आरटीओ से रिन्यूअल होने वाले करीब 15 हजार में से 90% लाइसेंस फर्जी सर्टिफिकेट से रिन्यूअल हुए।