चर्चित IAS नियाज खान का नया उपन्यास वॉर अगेन्स्ट कलियुग बना चर्चा का केन्द्र, कर रहा धर्म तंत्र और ABSS की पैरवी

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चर्चित IAS नियाज खान का नया उपन्यास वॉर अगेन्स्ट कलियुग बना चर्चा का केन्द्र, कर रहा धर्म तंत्र और ABSS की पैरवी

भोपाल. ब्राम्हण द ग्रेट उपन्यास से चर्चित हुए IAS नियाज खान का नया उपन्यास वॉर अगेन्स्ट कलियुग बाजार में आ गया है। इसकी विधिवत लांचिग होना अभी बाकी है लेकिन इसके पहले ही यह चर्चा का केन्द्र बन गया है। उपन्यास में लोकतंत्र और धर्म को लेकर लोकतंत्र के गठन और आरएसएस की तर्ज पर ABSS (अखिल भारतीय सनातन सेवा) के गठन की पैरवी की गई है।

ब्राम्हण, गाय और वृक्ष को इस उपन्यास के मुख्य केन्द्र बिन्दु है। वृक्ष काटने पर कारावास, गाय पवित्र पशु ओर भ्रष्टाचार को राजद्रोह घोषित करने, अंग्रेजी भाषा और अंग्रेजों द्वारा शुरु की गई सभी सुविधाओं को देश में बंद करने का जिक्र इस उपन्यास में किया गया है।

नये सनातन राष्ट्र के निर्माण की पैरवी करने वाला यह उपन्यास आमजन को मुफ्तखोरी से बाहर निकालने का संदेश देता है। उपन्यास फिल्पकार्ट, अमेजन पर अंग्रेजी में उपलब्ध है। इसका हिंदी संस्करण भी तैयार हो रहा है। लांचिग इसी माह होना है।

उपन्यास का नायक शुभेन्द्र उर्फ जूनियर कौटिल्य भारत को एक ऐसा सनातन राष्ट्र बनाना चाहते है जहां ब्राम्हण सनातनपतियों के संरक्षण में भारत देश सभी जीव जंतुओं से प्रेम करने वाला और प्रकृति की गोद में बसने वाला होगा। छुआछूत पर कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा।जनता को कोई भी चीज मुफ्त नहीं दी जाएगी। क्योंकि यह सनातन राष्ट्र की आत्मा के विपरीत है। हर किसी को पसीना बहाना अनिवार्य होगा। पूंजीपतियों का संपूर्ण धन छीन कर सभी सनातनियों में बराबर बराबर बांट दिया जाएगा ताकि समानता लाई जा सके।

उपन्यास में बताया गया है कि सनातन राष्ट्र में ब्र्राम्हण केवल मजिस्ट्रेट, शिक्षा और पूजा पाठ का काम करेंगे तथा राष्ट्र के मार्गदर्शक होंगे। सनातनपति धर्म का केन्द्र बिन्दु होंगे। वे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार भी होंगे। पार्लियामेंट कानून भी सनातनपति से सलाह लेकर बनेगा। सनातन राष्ट्र में विकास शब्द पर प्रतिबंध लगाकर जीवन को प्रकृति के करीब लाया जाएगा। सनातन राष्ट्र में जाति के स्थान पर कर्मआधारित वर्ण व्यवस्था लागू की जाएगी।

सनातन राष्ट्र दक्षता के साथ काम कर सके इसके लिए ABSS प्रारंभ की जाएगी जिन्हें सूत्र शिखाधारी आचार्य शिक्षित करेंगे। देश में मेट्रो, रेल, हवाई और बस अड्डे शॉपिंग मॉल, राजमार्ग तोड़कर धरती को पूर्व स्वरुप में लाया जाएगा। गाय पवित्र पशु होगी, मुद्रा में उनका चित्र होगा। ब्राम्हणों को धोती खड़ाऊ और जनेऊ पहनना अनिवार्य होगा। नग्नता फैलाने वाले हालीवुड की नकल को खत्म किया जाएगा।

शंकराचार्यो को राष्ट्रपति का दर्जा दिया जाएगा। हिंदी प्रमुख भाषा होगी अंग्रेजी को प्रतिबंधित किया जाएगा। प्रेम मोहब्बत को अपराध घोषित किया जाएगा क्योंकि इससे समाज में दुराचार फैलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्राम्हण मजिस्ट्रेट होंगे। क्रिकेट, बर्थ डे, वेलेन्टाइन जैसी गोरों की देन प्रतिबंधित होंगी।