Farmer’s Son Became Deputy Collector : किसान का बेटा डिप्टी कलेक्टर बना, गांव में शाही स्वागत!

परिवार ने उनकी पढ़ाई-लिखाई में पूरा साथ दिया!

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Farmer’s Son Became Deputy Collector : किसान का बेटा डिप्टी कलेक्टर बना, गांव में शाही स्वागत!

 

Sedhi : मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के रिजल्ट में सीधी जिले के नंदन तिवारी को 9 वीं रैंक मिली। अब वे एमपी में डिप्टी कलेक्टर बनेंगे। जब वे पहली बार नंदन तिवारी गांव पहुंचे तो उनका जमकर स्वागत हुआ। बग्घी में बैठाकर गांव में निकाला गया।

नंदन की सफलता पर उसके परिवार को गर्व है। उनकी खुशी का तो ठिकाना नहीं है। डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद नंदन तिवारी जब पहली बार गांव पहुंचे तो किसान पिता ने स्वागत की तैयारी कर रखी थी। महाराजा की तरह नंदन तिवारी रथ पर सवार होकर गांव में आए।

नंदन तिवारी कड़ी मेहनत के बाद यहां तक पहुंचे हैं। उनकी पढ़ाई के लिए नंदन के परिवार ने काफी संघर्ष किया। बेटे को इस बार एमपीपीएसी की परीक्षा में जबरदस्त सफलता मिली। ऐसे में परिवार जश्न मना रहा है। नंदन तिवारी की जब गांव में एंट्री हुई, तो डीजे की धुन पर नाचते हुए लोगों ने स्वागत किया है। गांव और परिवार के लोग नाचते-गाते उनके साथ चल रहे थे।

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पढ़ाई के लिए परिवार ने साथ दिया
नंदन तिवारी का परिवार किसान हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा सीधी जिले में हुई। इसके बाद वे पढ़ाई के लिए इंदौर आए। इंदौर में रहकर ही नंदन एमपीपीएसी की तैयारी करते थे। डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद पहली बार गांव पहुंचे तो परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए नंदन ने कड़ी मेहनत की है।

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गांववालों में खुशी
सरकारी अफसर बनने की खुशी क्या होती है, यह नंदन और उसके परिवार के बेहतर कोई नहीं समझ सकता। परिवार के लोगों ने नंदन की एंट्री के लिए शाही व्यवस्था की थी। नंदन के लिए गांव के बाहर शाही रथ की व्यवस्था की गई थी। डेप्युटी कलेक्टर बने नंदन तिवारी साफा बांधकर रथ पर सवार हो गए। इसके बाद अभिवादन करते हुए गांव में प्रवेश किए। साथ ही गले में फूलों का माला भरा हुआ था।

मां ने आरती उतारकर स्वागत किया
नंदन की मां बेटे की सफलता पर बहुत खुशी थी। परिवार का सपना पूरा हो गया था कि बेटा अफसर बन गया था। दरवाजे पर पहुंचे ही बेटी ने अपने गले से माला उतारकर मां को पहना दिया। इसके बाद मां ने भी बेटे को तिलक लगाकर स्वागत किया है। फिर मां के साथ नंदन मंदिर गए और वहां भगवान भोले का आशीर्वाद लिया है।