Fever Medicine: क्‍या पैरासीटामॉल से लिवर पर पड़ता है असर? जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ

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Fever Medicine: क्‍या पैरासीटामॉल से लिवर पर पड़ता है असर? जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ 

भारत में फैटी लिवर की बीमारी आम है, और जरा सा बुखार में पैरासीटामॉल खाना इससे भी ज्यादा कॉमन है. हालांकि ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ नहीं है कि बुखार की ये दवा खाना लिवर की सेहत के लिए कितना खतरनाक है.

हालांकि लिवर की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें फिजिकल इनएक्टिविटीज भी शामिल है.

‘ज्यादा पैरासीटामॉल से लिवर को नुकसान’

जब एएनआई ने आईएलबीएस हॉस्पिटल के मशहूर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ.. शिव कुमार सरीन (Dr. Shiv Kumar Sarin) से सवाल पूछा कि कि क्या हद से ज्यादा पैरासीटामॉल दवा खाने से लिवर पर असर पड़ता है? कोविड के बाद तो लोग ये दवा विटामिन की गोलियों की तरह खा रहे हैं. इसके जवाब में डॉ. सरीन ने कहा, ये गुड आइडिया नहीं है, लिवर में ग्लूटाथिओन (Glutathione) नामक एक पदार्थ होता है, जो इस अंग की सुरक्षा करता है.

India Today Health Conclave: डॉ. सरीन ने बताया कैसे फैटी लिवर बनता सारी बीमारियों की जड़ - India Today Health Conclave Dr Shiv kumar Sarin told how fatty liver becomes the root

.एसके सरीन (Dr. SK Sarin) ने आगे बताया कि अगर कोई ड्रिंक कर रहा हो (शराब पी रहा हो), पैरासीटामॉल को ब्रेकडाउन और न्यूट्रलाइज करने के लिए ग्लूटाथिओन चाहिए. अगर मोटा आदमी है तो ग्लूटाथिओन कम है, ड्रिंक कर रहा है तो ग्लूटाथिओन कम है. और हर बॉडी की कैपेसिटी होती है कि वो कितना पैरासीटामॉल ले सकता है. डॉ आज अमेरिका और लंदन में लिवर फेलियर का सबसे बड़ा कारण पैरासीटामॉल है. ये एक पेनकिलर भी है. 2 या 3 टेब्लेट से ज्यादा इसे न लें, अगर लेनी भी हो तो आधी-आधी गोली दिन में 3 से 4 बार लें, ज्यादा न लें.

 

‘शराब एक जहर है’

डॉ. सरीन ने शराब पीने के खतरे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि शराब एक सोशियली एसेप्टेड प्वॉइजन है, सब लोग उस पर हां भी करते हैं, पीते भी जाते हैं, जहर है.. मालूम है. कई बार लोग कहते हैं कि सर मैं तो पीता हूं, कुछ नहीं होता मुझे, तो दूसरा भी उतना ही पीने लग जाता है. लेकिन हर किसी का शरीर अलग-अलग रूप में शराब से प्रभावित हो सकता है. ऐसे जेनेटिक्स और आंत में मौजूद बैक्टीरिया शराब के आदी हो जाते हैं, या फिर इसे पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि 2 तरह के बैक्टीरियाज होते हैं, फिर आपको लिवर डिजीज हो जाता है. यही वजह है कि शराब को जहर कहा जाता है और हम किसी भी रूप में इसके सेवन की सलाह नहीं दे सकते. डब्लयूएचओ ने भी ऐसा कहा है.

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डॉ. सरीन ने मोटापे को लेकर काफी चिंता जाहिर की है, खासकर कॉलेज के बच्चे का मोटापा खतरनाक स्तर पर पहुंचता दिख रहा है. इसका मुख्य कारण सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैक्ड जूस और शुगर जैसे इंफ्लेमेंटरी फूड्स हैं. उन्होंने इस बात को भी बताया कि हर 3 में से एक भारतीय को फैटी लिवर की शिकायत है. दिल्ली वाले कम चलते फिरते हैं, उनके पास गाड़ी है, बस है, इतनी बढ़ियां मैट्रो सर्विस है और चलने के लिए इतनी जगह नहीं है. यानी फिजिकल इनएक्टिविटी फैटी लिवर का कारण है.

 

नोट -यह जानकारी जनहित में (सोर्स-एएनआई) से साभार

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