FIR Against Excise Officer : शराब ठेकेदार को अनुचित लाभ देने पर आबकारी अधिकारी पर एफआईआर!
Ujjain : लोकायुक्त उज्जैन ने पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा उज्जैन संभाग, वर्तमान आबकारी उपायुक्त सागर संभाग व पूर्व शराब ठेकेदार पवन कुमार जायसवाल पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर मामला विवेचना में लिया है।
लोकायुक्त उज्जैन की विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन संभाग अनिल विश्वकर्मा को शिकायत मिली थी, कि 2015-16 की अवधि में शराब अनुज्ञप्तिधारी (ठेकेदार) पवन जायसवाल ने 4,60,77,600 रू की पाक्षिक लायसेंस फीस व वार्षिक लायसेंस फीस का भुगतान जमा नहीं किया गया। इससे तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा के संरक्षण में शासन को उक्त राशि की आर्थिक क्षति पहुंची।
इस प्रकरण की जांच तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि राजपत्र में प्रकाशित नियमों के अनुसार किसी दुकान की पाक्षिक बेसिक लायसेंस फीस और वार्षिक लायसेंस फीस का भुगतान बकाया रहने पर उस दुकान को आगामी पक्ष में तब तक मदिरा
का प्रदाय नहीं किया जाएगा। जब तक कि दुकान की अवशेष लायसेंस फीस और वार्षिक लायसेंस फीस जमा न कर दी जाए।
उक्त ठेकेदार पवन जायसवाल द्वारा सितंबर 2015 से ही मदिरा ड्यूटी फीस समय पर व पूरी जमा नहीं की गई तथा हमेशा बकाया रखा जाता रहा। यह राशि जनवरी 2016 तक लगातार बढ़ती रही। तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा द्वारा 17 सितंबर 2015, 8 अक्टूबर 2015, 11 दिसम्बर 2015 और 2 जनवरी 2016 को कारण बताओ सूचना-पत्र ठेकेदार पवन जायसवाल को दिए परन्तु नियम के अनुसार लायसेंस निरस्त नहीं किया गया।
मार्च 2016 तक अवशेष राशि बढ़कर 4 करोड़ 60 लाख 77,600 रू हो गई, ऑडिट रिपोर्ट में भी इस तथ्य को रेखांकित किया गया है। सितंबर 2015 से ही जब ठेकेदार द्वारा लायसेंस शुल्क जमा नहीं की जा रही थी। तब भी प्रमोद कुमार झा द्वारा ठेकेदार को सपोर्ट किया तथा उसकी दुकान को दुकानों से मदिरा उपलब्ध कराई। इस दौरान 75 परिवहन परमिट अन्य दुकानों से पवन जायसवाल की दुकानों को जारी कर मदिरा उपलब्ध कराई जो अनुमत्य नहीं था।
इस प्रकार पद व स्थिति का दुरूपयोग कर प्रमोद झा द्वारा पवन जायसवाल के साथ षड़यंत्र कर शाखा को 4,60,77,600 की हानि पहुंचाई गई है। इस कृत्य में अन्य ठेकेदार व आबकारी विभाग के तत्कालीन अधिकारी/कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच विवेचना के दौरान की जाएगी।
तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त उज्जैन प्रमोद कुमार झा द्वारा लायसेंसी पवन कुमार जायसवाल से मिलकर छल व षड्यंत्रपूर्वक तथा पद व स्थिति का दुरूपयोग करते हुए शासन का 4,60,77,600 रूपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जाना व अपने पदीय कर्तव्यों का दुरूपयोग किया जाना पाया गया।
इसके साथ शासकीय धनराशि के संबंध में विश्वास का आपराधिक हनन करते हुए बकाया राशि को छलपूर्वक निजी लाभ/हित के लिए कोष में जमा नहीं किए जाने पर प्रमोद कुमार झा तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त उज्जैन, पवन कुमार जायवाल पिता रामगोपाल जायसवाल, तत्कालीन आबकारी अनुज्ञप्तिधारी निवासी देहरादून (उत्तराखंड) एवं अन्य के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।