

FIR Lodged Against MLA’s Son : विधायक पुत्र को बचाने वाली पुलिस को ही मारपीट की धारा में FIR दर्ज करना पड़ी, रुद्राक्ष ने सरेंडर किया!
Dewas : पुलिस ने विधायक पुत्र रुद्राक्ष समेत 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज की। अभी तक पुलिस को धाराएं नहीं मिल रहीं थीं, फुटेज नहीं दिख रहे थे, पर एक ही रात में धाराओं को खोज लिया और फुटेज भी निकाल लिए गए। रुद्राक्ष शुक्ला समेत 9 आरोपियों के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट व धमकाने की धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ। विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष को बचाने की पुलिस और प्रशासन की कोशिश सफल नहीं रही।
देवास में माता जी की टेकरी पर हुड़दंग मामले में मंगलवार को इंदौर विधानसभा क्षेत्र 3 के विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला ने शाम 7:40 बजे कोतवाली थाने में सरेंडर कर दिया। रुद्राक्ष के साथ उनके चार अन्य साथी भी थाने पहुंचे। इस मामले में पुलिस ने 12 अप्रैल को प्रकरण दर्ज किया था। एएसपी जयवीर सिंह भदोरिया के अनुसार, पांच लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है। इनमें अमन, लोकेश, मनीष, अनिरुद्ध और रुद्राक्ष शामिल हैं।
पिता की राजनीति का रौब दिखाकर देवास की देवी के जबरन पट खुलवाने के आरोपों से घिरे इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष को पुलिस ने बचाने की पूरी कोशिश की। हर बार यही कहा कि जांच कर रहे हैं, जब चौतरफा दबाव पड़ा तो कोतवाली पुलिस ने 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज करना पड़ी।
रूद्राक्ष केस में चार गाड़ियां भी जब्त की गई। इस मामले में भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि बोले कि किसी का भी बेटा हो, ये नहीं चलेगा। रुद्राक्ष शुक्ला, अमन शुक्ला निवासी इंदौर, लोकेश चांदवानी निवासी उज्जैन, जीतू रघुवंशी निवासी देवास, मनीष तेजवानी निवासी उज्जैन, अनिरुद्ध सिंह पंवार व हनी निवासी इंदौर, सचिन और प्रशांत निवासी देवास को आरोपी बनाया। सभी आरोपियों के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट व धमकाने की धाराएं (बीएनएस 296, 115 (2), 351(3)) लगाई हैं। मोटर व्हीकल एक्ट में भी इन 9 आरोपियों के साथ ही अन्य को आरोपी बनाया गया।
11 अप्रैल की देर रात हुई घटना के बाद से ही पुलिस रुद्राक्ष कोन बचाने में जुटी रही। लेकिन, सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की नाराजगी के बाद स्थिति बदल गई। उन्होंने साफ कहा कि किसी का भी बेटा हो, आपराधिक कृत्य का अधिकार किसी को नहीं। इस घटना में जिस अधिकारी और कर्मचारी ने आधी रात वाहनों के काफिले को माता टेकरी पहुंचने की अनुमति दी, उस पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। घटना के बाद यह नवाचार किया कि अब एसडीएम की अनुमति के बाद ही वाहन टेकरी पर जाएंगे, लेकिन यह नियम तो पहले से बना था। ऐसे में किस कर्मचारी ने किसके कहने पर वाहनों को टेकरी पर जाने दिया, इस पर जांच तक नहीं हुई।
घटना पर किसी भाजपा नेता ने कोई टिप्पणी नहीं की
अनुशासन की दुहाई देने वाले संगठन के पदाधिकारियों की जुबान से एक शब्द नहीं निकला। सांसद, विधायक से लेकर जिला अध्यक्ष तक की चुप्पी ने सवाल खड़े किए है। कांग्रेस ने भी घेरा और कहा कि छद्म सनातनी कहां गए। कांग्रेस की ओर यह भी कहा गया कि रुद्राक्ष ने इससे पहले खजराना गणेश मंदिर, महाकाल मंदिर में भी सत्ता का रौब दिखाया था, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।