Ex IPS DK Panda: ‘दूसरी राधा’ के नाम से मशहूर पूर्व IPS डीके पांडा दूसरी बार साइबर ठगी के शिकार, खाते से 4.32 लाख उड़ाए

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Ex IPS DK Panda: ‘दूसरी राधा’ के नाम से मशहूर पूर्व IPS डीके पांडा दूसरी बार साइबर ठगी के शिकार, खाते से 4.32 लाख उड़ाए

प्रयागराज: Ex IPS DK Panda: ‘दूसरी राधा’ के नाम से मशहूर पूर्व IPS डीके पांडा दूसरी बार साइबर ठगी के शिकार हुए हैं। साइबर ठगों ने उनके खाते से 4.32 लाख उड़ा दिए हैं।

भारतीय पुलिस सेवा में 1971 बैच के पूर्व IPS और दूसरी राधा के नाम से मशहूर डीके पांडा एक बार फिर साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं। इंडियन बैंक का टोल फ्री नंबर गूगल पर सर्च करते समय उन्हें एक कॉल आई और चार ट्रांजेक्शन में 4.32 लाख रुपए उड़ा दिए गए।

पांडा की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर जांच में जुट गई है। इंटरनेट पर इंडियन बैंक का टोल फ्री नंबर सर्च करने के बाद उनके साथ ठगी हुई है। पिछले साल भी उन्होंने अपने साथ ठगी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। उस समय अपनी एफआईआर में लिखा था कि उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए 381 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। जो उनके अकाउंट में आने लगा, तब 8 लाख टीडीएस देने के लिए दबाव बनाया। पेमेंट नहीं करने पर मेरा मुनाफा ही ब्लॉक कर दिया।

मूलरूप से ओडिशा के निवासी डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं। वर्ष 2005 में नौकरी से त्यागपत्र देकर दूसरी राधा का वेष धारण कर लिया था। 2015 में दूसरी राधा का रूप त्याग कर कृष्णानंद बन गए थे। वह काफी समय से प्रयागराज के एडीए कॉलोनी प्रीतमनगर में मकान बनवाकर रहते हैं। इस बार घटना 9 सितंबर को हुई है। पांडा इंडियन बैंक की मुंडेरा ब्रांच का टोल-फ्री नंबर इंटरनेट पर खोज रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक कॉल आई।इसमें कॉलर ने खुद को राहुल कुमार बताते हुए मदद करने का भरोसा दिया। उसने इसके बाद व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा और उसे क्लिक करने के लिए कहा। लिंक खोलने के बाद साइबर ठग ने घंटों बात की और इस दौरान उनके यूको बैंक सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकाल लिए।

पांडा के अनुसार ठग ने चार ट्रांजेक्शन में पहले 1 लाख 95 हजार 23 रुपये, फिर 95 हजार 8 रुपये, उसके बाद 98 हजार रुपये और अंत में 44 हजार 12 रुपये। कुल 4 लाख 32 हजार 43 रुपए निकाल लिए। अगले दिन 10 सितंबर को ही साइबर क्राइम सेल प्रयागराज को लिखित शिकायत दी लेकिन एफआईआर 15 सितंबर को धूमनगंज थाने में दर्ज हुई। मामले की जांच की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र पाल सिंह को सौंपी गई है।

पांडा ने अपनी शिकायत में लिखा कि मैं इंडियन बैंक का टोल-फ्री नंबर सर्च कर रहा था, तभी राहुल कुमार नाम के व्यक्ति ने फोन किया और लिंक भेजकर मुझे लंबी बातों में उलझा लिया। मुझे पता ही नहीं चला कि मेरे अकाउंट से पैसे निकल गए। उन्होंने कॉल करने वाले का मोबाइल नंबर भी पुलिस को बताया है। पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर जांच में जुटी है।