Former minister Gayatri Prajapati सहित 3 गैंग रेप व पॉस्को एक्ट में दोषी करार

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Former minister Gayatri Prajapati

Former minister Gayatri Prajapati सहित 3 गैंग रेप व पॉस्को एक्ट में दोषी करार

लखनऊ। सपा सरकार के कार्यकाल में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित तीन आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट के अपराध का दोषी करार दिया है।

12 नवंबर को कोर्ट उनकी सजा का ऐलान करेगा. वहीं इस मामले में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश बरी कर दिए गए हैं.
गायत्री प्रजापति ने बुधवार की सुनवाई को टालने की भरसक कोशिश भी की थी। गायत्री प्रजापति की तरफ से मुकदमे की तारीख बढ़ाई जाने की मांग की गई।

साथ ही दूसरे राज्य में केस ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गायत्री इस मामले में जमानत पाने के लिए तीन बार कोशिश की।

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4 सालों तक कोर्ट में चले इस मामले में अभियोजन की तरफ से 17 गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने अभियोजन की तरफ से दी गई दलील, पेश किए गए गवाहों और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया।

18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सपा सरकार के खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर गैंगरेप, जान से मारने की धमकी, व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज हुआ था। 3 जून 2017 को इस मामले के विवेचक के 824 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।

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अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सच्चिदानंद राय एवं विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला का तर्क था कि इस प्रकरण की रिपोर्ट चित्रकूट की रहने वाली महिला द्वारा 18 फरवरी 2017 को राजधानी के गौतम पल्ली थाने पर दर्ज कराई गई थी।

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रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सभी आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुराचार किया तथा उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुराचार करने का प्रयास किया। आरोप है कि खनन का कार्य दिलाने के लिए आरोपियों ने महिला को लखनऊ बुलाया तथा भिन्न-भिन्न स्थानों पर उसके साथ दुराचार किया गया ।

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महिला का आरोप है कि उसके द्वारा घटना की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक से भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश हुआ।