
France Violence Reason: नेपाल के बाद पेरिस में क्यों भड़की हिंसा, कारण जानिये !
हिंसा भड़कने के पीछे सबसे बड़ी वजह क्या है ?
फ्रांस की राजधानी पेरिस में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों से नाराज हैं. प्रदर्शनकारियोंने आगजनी की और पुलिस पर पथराव किया. फ्रांस में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार गिरने के एक दिन बाद राजधानी पेरिस और अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं, आगजनी की और पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे. गृह मंत्री ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के शुरुआती घंटों में लगभग 200 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की. नेपाल के बाद अब फ्रांस हिंसा की आग में जल रहा है. तो आखिर ऐसा क्या हो गया कि फ्रांस के लोग उग्र हो गये और विरोध प्रदर्शन में उतर गए.

नेपाल में युवाओं ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो आगे चलकर हिंसा का रूप ले लिया. अब फ्रांस से भी हिंसा की खबरें हैं. जहां प्रदर्शनकारी लगातार हिंसा कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन हालांकि ऑनलाइन शुरू हुआ था लेकिन बाद में यह तीव्र होता गया और 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती को चुनौती देते हुए प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं. गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा कि पश्चिमी शहर रेन्नेस में एक बस में आग लगा दी गई और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने से रेलगाड़ियां बाधित हुईं.
🚨🇫🇷BREAKING NEWS: France on the Brink of Chaos!
Streets turn into a WAR ZONE as protesters torch buses and block Rennes while Macron unleashes over 90,000 armed police. pic.twitter.com/3FgU6XGzaZ
— Global Dissident (@GlobalDiss) September 10, 2025
फ्रांस में हिंसा भड़कने के पीछे सबसे बड़ी वजह बार-बार सत्ता परिवर्तन को बताया जा रहा है. लगभग एक साल में देश को चौथी बार नया प्रधानमंत्री मिला है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार 9 सितंबर देर रात रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.

पूर्व पीएम फ्रांस्वा बायरू ने संसदीय विश्वास मत हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बार-बार सरकार बदलने से लोगों में असंतोष और अविश्वास फैला है. इसकी वजह से Bloquons tout” जैसे आंदोलन उभरे.

हिंसा भड़कने के पीछे एक और वजह बताई जा रही है बायरू की नीति. बायरू सरकार ने बजट में लगभग €40-44 बिलियन की कटौती की थी. उन्होंने सार्वजनिक अवकाशों में कटौती और पेंशन पर रोक लगाने सहित व्यापक मितव्ययिता उपायों की घोषणा की थी. स्वास्थ्य सेवाओं में भी कटौती की थी. जिससे मजदूर वर्ग और आम लोगों में असंतोष फैल गया.
आम लोगों का गुस्सा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ भी है. जिन्होंने मैक्रों पर व्यापक असंतोष को नजरअंदाज करने
BREAKING: France is on fire.
80,000 cops deployed. Highways blocked. Fires, arrests, chaos everywhere.
The “Block Everything” movement is spiraling—what started as protests is now full-blown riots. Macron’s new PM already staring at a no-confidence vote.
This feels less like a… pic.twitter.com/0yGXgP9jxc
— Sarcasm Scoop (@sarcasm_scoop) September 10, 2025
का आरोप लगाया. यूनियनों और विरोध आयोजकों ने तर्क दिया कि बायरू के इस्तीफे से उनकी शिकायतें कम नहीं हुईं. रेल यूनियन सूद-रेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “सरकार का गिरना अच्छा है, लेकिन यह अपर्याप्त है.”





