MP के सभी 55 जिलों में आज से रजिस्ट्री के लिए दफ्तर जाना जरुरी नहीं,वीडियो कांफ्रेसिंग और बायोमेट्रिक पहचान से हो जाएगी रजिस्ट्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे सम्पदा 2.0 का शुभारंभ,रजिस्ट्री प्रक्रिया होगी आसान, प्रदेश में रजिस्ट्री के नये नियम होंगे लागू

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MP के सभी 55 जिलों में आज से रजिस्ट्री के लिए दफ्तर जाना जरुरी नहीं,वीडियो कांफ्रेसिंग और बायोमेट्रिक पहचान से हो जाएगी रजिस्ट्री

भोपाल:मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में कल से भूमि, भवन की रजिस्ट्री कराना और आसान हो जाएगा। प्रदेश में रजिस्ट्री के नये नियम लागू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर का गुरुवार को शुभारंभ करेंगे। सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। रजिस्ट्री कराने के लिए सम्पत्ति धारकों के पास तीन विकल्प मौजूद होंगे। वे चाहे तो उप पंजीयक के दफ्तर जाकर पूर्व की तरह रजिस्ट्री करा सकेंगे। यदि विदेश में है और रजिस्ट्री के लिए दफ्तर नहीं आना चाहते है तो वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उप पंजीयक से संवाद कर रजिस्ट्री करा सकेगे। कई मामलों में तो क्रेता और विक्रेता को ई केवायसी से पहचान कराकर रजिस्ट्री की जाएगी। इसमें विदेश से बैठकर भी प्रदेश के किसी भी उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराई जा सकेगी।

कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर में दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इसका शुभारंभ करेंगे। संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट गुना, हरदा, डिण्डौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद अब इसे सभी 55 जिलों में लागू किया जा रहा है।

सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से होगी पहचान
सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वत: प्ररूपण किया जाएगा। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।

पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। स्टांप शुल्क और पंजीयन फीस आॅनलाईन जमा की जा सकेगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल कर दिया गया है।

विशेष मोबाइल एप से मिलेगी मदद-
इसके लिए सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। इसके जरिए सम्पत्ति की रजिस्ट्री की सारी प्रक्रिया आॅनलाईन की जा सकेगी। साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू किया जा सकेगा।