शनिवार को अभिनंदनमय रहे गढ़ाकोटा और भोपाल… मुख्य किरदार रहे उमा,शिव, विष्णु और गोपाल…

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शनिवार को अभिनंदनमय रहे गढ़ाकोटा और भोपाल… मुख्य किरदार रहे उमा,शिव, विष्णु और गोपाल…

मध्यप्रदेश में 11 मार्च 2023 का शनिवार का दिन दो बड़े समारोहों का साक्षी बना। दोनों समारोह अभिनंदनमय रहे। पहला समारोह सागर जिले के गढ़ाकोटा में, तो दूसरा राजधानी भोपाल में संपन्न हुआ। गढ़ाकोटा में लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा आयोजित बुंदेलखंड के 2100 जोड़ों का विवाह महायज्ञ आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की उपस्थिति खास रही। समाजसेवी के बतौर गोपाल भार्गव ने इतिहास रचा और 21 हजार सामूहिक विवाह कराने की संकल्प सिद्धी की। गोपाल भार्गव ने जब इस खास अवसर पर उपस्थित शिवराज का अभिनंदन करना चाहा, तो उन्होंने सामूहिक विवाह महायज्ञ में अभिनंदन न कराने की उनकी जिज्ञासा व्यक्त की। वहीं उन्होंने 21 हजार सामूहिक विवाह करवाने वाले गोपाल भार्गव को संत की उपाधि देते हुए उनका अभिनंदन किया। इस अभिनंदन के साक्षी सैकड़ों वर-वधू और करीब दो लाख नागरिक बने। यह महासमागम यह गवाही दे रहा था कि गोपाल का जीवन समाज सेवा का पर्याय है। तो दूसरा अभिनंदन समारोह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने किया। शराबबंदी की उनकी मांग पर अमल करते हुए शिवराज ने नई आबकारी नीति में अहातों को बंद कर जो सख्त रवैया अपनाया है, उसका आभार उमा ने शिव का अभिनंदन कर जताया। यह समारोह भी प्रदेश के इतिहास में दर्ज हो गया। क्योंकि प्रदेश में शराबबंदी की दिशा में नई आबकारी नीति में शिवराज की भूमिका की उमा ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। दोनों ही समारोह में भाजपा संगठन के मुखिया विष्णु दत्त शर्मा साक्षी रहे। उनके उद्गार दोनों समारोह को गरिमामय बनाने में प्रभावी रहे। उमा भारती भी दोनों समारोह में शामिल हुईं। यानि कि ऐतिहासिक अभिनंदन समारोहों के मुख्य‌ किरदार शिवराज, उमा, विष्णु दत्त शर्मा और गोपाल रहे। दोनों ही समारोह महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकारों के पर्याय हैं।

रवींद्र भवन, भोपाल में माता बेटी बाई स्मृति शिक्षण समिति द्वारा आयोजित ‘अभिनंदन समारोह’ में उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज की भूरि-भूरि प्रशंसा की और प्रदेश में उनके सपनों को साकार करने वाला बताया। उन्होंने अपने जीवन में शिवराज का स्थान बड़े भाई और पुत्र के रूप में बताया।‌ मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज की नई आबकारी नीति को शराबबंदी की दिशा में वरदान बताया। मुख्यमंत्री ने भी पूर्व मुख्यमंत्री उमा का स्थान अपने जीवन में बहन, बेटी, मां और मित्र के रूप में बताया। उन्होंने उमा की तारीफ करते हुए कहा कि आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च…स्वयं के मोक्ष के लिए और जगत के हित के लिए भी, कुछ इसी तरह उमा जी संन्यासी होकर भी जगत के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने खुले मन से उमा संग अपने अनुभवों को बयां किया। उन्होंने स्वीकार किया कि 2003 में बीजेपी की सरकार बनाने में, योद्धा और रणनीतिकार उमा भारती ही थीं। और कहा कि दीदी, मैं आपका आभारी हूं कि आपकी तपस्या का परिणाम है कि मुझे कभी पैसे की कमी नहीं पड़ी। उन्होंने उमा को भरोसा दिलाया कि आपका स्नेह, प्यार और आशीर्वाद मिला है और मेरा संकल्प है कि कभी वो दिन नहीं आएगा जब आपको निराश होना पड़े। उन्होंने साझा किया कि अहाते वाला फैसला आसान नहीं था। उन्होंने जाते-जाते मन की बात कह ही दी कि अभिनन्दन तो एक बहाना था, मुझे दीदी का आशीर्वाद लेने आना था। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने उमा भारती का उनके व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बताया तो प्रदेश के विकास में उमा और शिवराज की भूमिका का उल्लेख किया।

शनिवार को अभिनंदनमय रहे गढ़ाकोटा और भोपाल... मुख्य किरदार रहे उमा,शिव, विष्णु और गोपाल...

तो अब बात करें गढ़ाकोटा के समारोह की। इसमें शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने मंत्री गोपाल भार्गव की पहल पर गढ़ाकोटा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत संपन्न हुए 2100 गरीब कन्याओं के विवाह को सामाजिक समरसता का महायज्ञ बताया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 20 वें पुण्य विवाह समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि मंत्री भार्गव केवल राजनेता ही नहीं समाज सेवक और विकास पुरूष भी हैं। उन्होंने 21 हजार कन्याओं का विवाह कराकर समाज सेवा का जो इतिहास बनाया वह अनुकरणीय है। विशाल विवाह समारोह में 2100 कन्याओं के हाथ पीले कर उन्होंने 21 हजार कन्याओं के विवाह कराने के अपने महा-संकल्प को पूरा किया है, जिस पर हम सभी को गर्व है। भार्गव ने यह सिध्द किया कि राजनीति पेशा नहीं, समाज सेवा है। मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह समारोह को सामाजिक सेवा का महाकुंभ भी बताया, जिसमें दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। शिवराज ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी बेटियां सुखी रहें। कोई भी माता-पिता अपनी बेटी के विवाह को लेकर परेशान नहीं हो। यही सरकार का भी संकल्प है। बेटियों, बहनों और महिलाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना मध्यप्रदेश सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। शिवराज ने कहा कि किसी भी तकलीफ में अकेले गोपाल भार्गव ही नहीं, मामा शिवराज सिंह चौहान भी इन बेटियों के साथ खड़ा रहेगा। शिवराज ने गोपाल भार्गव का अभिनंदन कर न केवल उनके समाजसेवी भाव का सम्मान किया बल्कि दूसरे नेताओं को गोपाल भार्गव से प्रेरित होकर अनुसरण का संदेश भी दिया।

वैसे यह विवाह सम्मेलन अनूठा था। खुद गोपाल भार्गव ने बताया कि बीस साल पहले शिवराज और उन्होनें गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न कराने की शुरूआत की थी। इस नाते वह सहोदर हैं। पहले गरीबी के कारण लोग बेटियों की शादी के लिए घर, जेवर, गिरवी रख देते थे, मुख्यमंत्री बनने पर शिवराज ने उनके इस दर्द को समझा और मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना शुरू की, जो सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। 20 साल पहले मैंने छोटे रूप में इसकी शुरूआत की थी, जो अब विशाल स्वरूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एक भी बेटी ऐसी नहीं होना चाहिए, जिसके हाथ पैसे के अभाव में पीले नहीं हो पाएं। अभी तक उन्होंने बुंदेलखंड तक खुद को सीमित रखा, अब वह पूरे प्रदेश की कन्याओं के लिए यह कार्य करेंगे। उन्होंने धर्मपिता के रूप में अपने धर्मपुत्र और धर्म पुत्रियों के प्रति हर जिम्मेदारी पूरी करने का वचन दिया। सम्मेलन लोक कल्याण और सामाजिक समरसता का प्रतीक था, जिसमें 500 जोडे़ कुशवाहा समाज, 400 अहिरवार समाज, 150-150 कुर्मी और लोधी तथा 50 ब्राम्हाण समाज के तथा 50 मुस्लिम समाज सहित सभी वर्ग के वर-वधू सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कन्यादान को भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा दान बताया। उन्होंने इच्छा जताई कि ऐसे आयोजन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हों। समारोह में इससे पहले शामिल हुईं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पंडित गोपाल भार्गव को असाधारण राजनेता निरूपित किया।

तो दोनों ही अभिनंदन समारोह अनूठे थे। सामाजिक उत्थान के पर्याय थे और शिवराज और गोपाल भार्गव को राजनीति में समाजसेवक के रूप में स्थापित करने वाले थे। दोनों ही अभिनंदन समारोह इतिहास बन चुके हैं। निश्चित तौर पर समाज के प्रति शिवराज और गोपाल के इन कार्यों का विशेष स्थान रहेगा।