Genome Sequencing Required : नए कोविड पॉजिटिव आइसोलेट होंगे ‘जीनोम सिक्वेंसिंग’ जरूरी!

प्रवासी सम्मेलन को लेकर गाइड लाइन का पालन कराया जाएगा!

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Genome Sequencing

Genome Sequencing Required : नए कोविड पॉजिटिव आइसोलेट होंगे ‘जीनोम सिक्वेंसिंग’ जरूरी!

Indore : कोरोना के नए वैरिएंट के सक्रिय होते 22 दिसम्बर को हेल्थ कमिश्नर ने फिर सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर नई शुरुआती गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत नए कोरोना मरीजों के जीनोम सिक्वेसिंग आवश्यक रूप से कराई जाए, ताकि नए वैरिएंट की पहचान करने में देरी न हो। प्रवासी सम्मेलन को लेकर जो भी गाइड लाइन आएगी, उसका पालन कराया जाएगा।
सीएमएचओ डॉ बीएस सेत्या ने बताया कि जिले में इस माह कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। इंदौर में आखिरी कोरोना एक मरीज 28 नवम्बर को मिला था। फिर भी जो अलर्ट जारी किया गया है उसके तहत अब जो केस पाए जाते हैं, तो मरीज को तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। लोगों को चाहिए कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। बूस्टर डोज में कोवैक्सीन का 30 हजार डोज स्टॉक में है।
दूसरी लहर में भयावह स्थिति देखने के बाद इंदौर के लोगों ने पहला और दूसरा डोज तो लगा लिया। लेकिन, बूस्टर डोज में लापरवाही बरती गई। इंदौर के 31.95 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं, लेकिन बूस्टर डोज सिर्फ 4.89 लाख लोगों ने ही लगवाए हैं। यहां के 34.62 लाख लोगों को पहला और 31.95 लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। तीसरी लहर के बाद इंदौरियों ने वैक्सीन से दूरी बना ली।

यहां लगवा सकते हैं बूस्टर
नए वैरिएंट बीएफ7 को लेकर चिंता की लकीरें है तो बूस्टर डोज को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अभी शहर में सरकारी हुकुमचंद पॉलीक्लिनिक, मांगीलाल चूरिया, रेडियो कॉलोनी, खजराना, भंवरकुआ, बाणगंगा, एमओजी लाइन्स, मल्हारगंज, राजेंद्र नगर डिस्पेंसरियों पर बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं।

विदेश से आने वालों की जांच
इधर, 9 दिसम्बर को हेल्थ कमिश्नर डॉ. सुदामा खांडे ने सभी कलेक्टर व सीएमएचओ को निर्देश दिए कि अब केवल मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना की जांच की जाए। हेल्थ कमिश्नर ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि जो व्यक्ति कोविड-19 से ग्रस्त ऐसे लोग जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो व ऐसे व्यक्ति जिन्हें पहले से शुगर, ब्लड प्रेशर, फेफड़े, किडनी, कैंसर आदि से ग्रस्त हो, जांच कराई जाए। इसके साथ ही विदेशों खासकर ऐसे देश जहां कोरोना फैला हुआ है वहां से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच की जाएं।

दोनों सम्मेलनों की चिंता
जनवरी में लगातार पांच दिनों तक चलने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इसके बाद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इन दोनों बड़े आयोजनों में 100 से ज्यादा देशों के करीब 6 हजार लोग आएंगे। ये सभी अलग-अलग देशों से हैं। ऐसे में 12 दिन बचे हैं। इन 12 दिनों में नए वैरिएंट को लेकर देश-विदेश में क्या स्थिति रहेगी, अनुमान लगाना मुश्किल है। फिर भी इसे लेकर अब कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो भी गाइड लाइन आएगी, उसका पूरा पालन कराया जाएगा।