राज-काज : भाजपा में सत्ता-संगठन में नियुक्तियों का फार्मूला तय….!

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राज-काज : भाजपा में सत्ता-संगठन में नियुक्तियों का फार्मूला तय….!

*दिनेश निगम ‘त्यागी’

भाजपा में सत्ता-संगठन में नियुक्तियों का फार्मूला तय….!

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– भाजपा में प्रदेश के निगम-मंडलों, आयोगों और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए मंथन शुरू हो गया है। इस मसले पर पहली बार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद के साथ चर्चा हुई है। ये नेता मुख्यमंत्री निवास में बैठे और तय किया गया कि किसी भी नेता को सरकार और संगठन में से एक जगह एक ही पद दिया जाएगा। अर्थात भाजपा एक व्यक्ति, एक पद का फार्मूला लागू करेगी। खबर है कि इससे पहले नेता इस संदर्भ में एक बैठक दिल्ली में भी कर चुके हैं। बैठक में यह भी तय किया गया कि भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी और सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का काम एक साथ किया जाए। तय किया गया कि सरकार के पदों में उन विधायकों, नेताओं को अवसर दिया जाएगा जो पात्र होने के बावजूद मंत्री नहीं बनाए जा सके और जिन्हें विधानसभा, लोकसभा के चुनाव में टिकट नहीं दिया जा सका। कांग्रेस छोड़ कर आए कुछ नेताओं को भी एडजस्ट किए जाने को लेकर चर्चा हुई है। प्रदेश भाजपा की की कार्यकारिणी में वरिष्ठ और नए नेताओं का मिश्रण होगा। यहां कुछ अनुभवी नेताओं को पदाधिकारी बनाया जाएगा और कुछ नए नेताओं को भी। खबर है कि काम और सक्रियता को देखते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल को एक मौका और दिया जा है।

 *क्या जयवर्धन और ओमकार को टिकट नहीं देगी कांग्रेस….?* 

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– वर्ष 2022 में राहुल गांधी की मौजूदगी में राजस्थान में हुए कांग्रेस के सम्मेलन में तय किया गया था कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू किया जाएगा। इसके बाद इसी वर्ष राहुल गांधी जब भोपाल आए थे और कई बैठकें ली थीं तब कह कर गए थे कि जिलाध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्ष के पद को हम सबसे ज्यादा पॉवर देने वाले हैं। संगठन में उनकी सहमित के बिना न निर्णय नहीं लिए जाएंगे और न ही टिकट दिए जाएंगे। राहुल यह भी तय कर गए थे कि जिन्हें जिलाध्यक्ष पद की जवाबदारी दी जाएगी, उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या विधायकों जयवर्धन सिंह और ओमकार सिंह सहित उन विधायकों को इस बार विधानसभा-लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा, जिन्हें जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। जयवर्धन और ओमकार सहित एक दर्जन से ज्यादा विधायकों और पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी गई है। राजनीितक हल्कों में यह सवाल तैर रहा है कि क्या इन सभी को इस बार टिकट नहीं मिलेगा? या फिर राहुल के नेतृत्व में तय की गई गाइडलाइन धरी रह जाएगी और कांग्रेस अपने ढर्रे में ही चलेगी। वैसे भी कांग्रेस में हर नेता जिलाध्यक्ष तो बनना चाहता है लेकिन टिकट की कीमत पर नहीं। कांग्रेस के विधायकों ने तो इस पद के लिए दावेदारी भी नहीं जताई थी।

 * उमंग ने राहुल को खुश करने तो नहीं लगाए ये आरोप….!*

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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कांग्रेस के ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने राहुल गांधी के बाद चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। उमंग ने भी राहुल की तर्ज पर मीडिया से बात की और आंकड़े पेश करते हुए कहा कि विधानसभा 2023 के चुनाव में 8 से 9 फीसदी वोटों की चोरी की गई। इसकी वजह से कांग्रेस 27 सीटें हार गई वर्ना प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती। बड़ा सवाल यह है कि यदि आयोग ने यह गड़बड़ी की थी तो उमंग की नींद लगभग पौने दो साल बाद क्यों खुली? जब उनके पास आंकड़े हैं तो इन्हें लेकर वे कोर्ट क्यों नहीं गए? कहीं ऐसा तो नहीं की राहुल गांधी को खुश करने और उनकी नजर में अपना कद ऊंचा करने के उद्देश्य से ही ये आरोप लगाए गए। उमंग ने बताया कि 2 माह में 16 लाख मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए। इन्हें न वेबसाइट में डाला गया, न इनका प्रकाशन हुआ और न ही राजनीतिक दलों को सूची सौंपी गई। उन्होंने कहा कि ऐसा चुनाव आयोग के निर्देश पर किया गया। उन्होंने इससे संबंधित आयोग के एक आदेश की प्रति भी मीडिया को जारी की। बहरहाल, आंकड़े और आरोप सच हों या गलत लेकिन कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर उसी तर्ज पर वोट चोरी को मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं जिस तरह पिछले चुनाव में उसने संविधान को खतरे में बताया था। इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी बिहार में यात्रा पर हैं।

 * खतरनाक मोड़ पर जिलाध्यक्षों को लेकर अंतकर्लह….* 

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– कांग्रेस के 71 जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद पार्टी की अंदर शुरू हुई अंतर्कलह खतरनाक मोड़ है। भोपाल, इंदौर, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास, नर्मदापुरम, और जबलपुर समेत कई जिलों में विरोध के स्वर बगावती हैं। नियुक्तियों से आक्रोशित कार्यकर्ता पुतला दहन और धरना-आंदोलन कर रहे हैं। भोपाल में पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना ने राहुल गांधी को खून से पत्र लिखा है और दिल्ली जाकर उनके बंगले के सामने आत्मदाह की चेतावनी दे डाली है। उनका आरोप है कि डेढ़ करोड़ की डिफेंडर गाड़ी लेकर नियुक्ति की गई है। इंदौर महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष साक्षी शुक्ला ने राहुल को पत्र लिख कर सितंबर 2022 में उदयपुर में हुई घोषणा ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत की याद दिलाई है। जिलाध्यक्ष पद की पद की दावेदारी करने वाले बुरहानपुर के हेमंत पाटिल , देवास के गौतम बंटू गुर्जर, इंदौर के सन्नी राजपाल सहित आधा दर्जन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस के नेता बगावत को थामने में असहाय दिख रहे हैं। अब विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को इस मामले की पूरी रिपोर्ट सौंपी गई है। नेतृत्व को भरोसे में लेकर पार्टी अनुशासनहीनता को लेकर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है। कुछ को चेतावनी पत्र जारी किए जा चुके हैं। शीघ्र ही निष्कासन का सिलसिला शुरू हो सकता है।

 * छत्तीसगढ़ ने बढ़ा दी मध्य प्रदेश के मंत्रियों की धड़कन….* 

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– मंत्रिमंडल विस्तार के मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मध्यप्रदेश के डॉ मोहन यादव से आगे निकल गए। यह विस्तार प्रदेश के मंत्रियों की धड़कन भी बढ़ा गया। अब बारी मप्र की है और कुछ को अपना पत्ता कटने का डर है। मुख्यमंत्री डॉ यादव के दिल्ली दौरों को विस्तार की कवायद से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस संदर्भ में उनकी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद के साथ एक दौर की चर्चा हो चुकी है। छत्तीसगढ़ के बाद मुख्यमंत्री डॉ यादव पर भी विस्तार के लिए दबाव बढ़ गया है। राज्य मंत्रिमंडल में 4 पद रिक्त हैं। इनमें से एक पद कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले के कमलेश शाह को मिलना तय बताया जा रहा है। शेष मंत्री पदों के लिए दावेदारों की फौज है। प्रदेश में कुछ मंत्रियों को बाहर किए जाने की चर्चा है। इसका आधार परफारमेंस को बनाया जाएगा। जिनका परफारमेंस ठीक नहीं होगा, उनका ही पत्ता कटेगा। मंत्रिमंडल के गठन के समय जो दिग्गज चूक गए थे, अब वे कोई गलती नहीं करना चाहते। इसलिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। सागर और भाेपाल की राजनीति में समन्वय बनाने के लिए वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव और रामेश्वर शर्मा को मंत्री बनाने पर विचार चल रहा है। महिलाएं भाजपा के लिए संजीवनी का काम कर रही हैं। इसलिए एक महिला को भी मौका दिया जा सकता है।

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