

Government Money for Bribes : अब रिश्वतखोरों को पकड़ने के सरकारी पैसे का उपयोग होगा, ₹40 लाख का फंड बनेगा!
Bhopal : आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) और लोकायुक्त जब रिश्वत का कोई मामला पकड़ते हैं, तो रिश्वत की वह राशि शिकायतकर्ता की होती है। केस बनने के बाद शिकायतकर्ता को वह राशि तभी मिलती है, जब उस मामले का निपटारा हो जाता है। ऐसी स्थिति में कई बार शिकायतकर्ता की यह राशि 5, 10 और 15 साल तक अटकी रहती है। अब सरकार ने इसका भी रास्ता निकाल लिया। अब राशि शिकायतकर्ता की नहीं, बल्कि ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त अपने पास से शिकायतकर्ता को देगा ताकि केस बनने के बाद वह राशि वापस एजेंसियों तक पहुंच जाए।
प्रदेश में सरकार अगले वित्त वर्ष से यह नया प्रयोग शुरू करने वाली है। जिसमें लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू जैसी जांच एजेंसियों को 40 लाख रुपए का विशेष फंड दिया जाएगा। इसका उपयोग रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ाए जाने वाले मामलों में किया जाएगा। इसके बाद शिकायतकर्ताओं को उनकी रिश्वत के रूप में दी जाने वाली राशि अभियोजन की कार्रवाई शुरू होते ही दी जाएगी। अभी इसके लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है और लगभग 3 करोड़ रुपए फिलहाल शिकायतकर्ताओं के फंसे हैं।
अभी आए दिन लोकायुक्त रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ सरकारी कर्मचारियों को पकड़ता है, जिसमें शिकायतकर्ता को रिश्वत की मांगी गई राशि अपनी जेब से देना पड़ती है। यह राशि रंगे हाथ पकड़ाने वाली कार्रवाई के दौरान जब्त कराई जाती है। फिर जब तक मामले का निराकरण कोर्ट से नहीं होता, तब तक यह राशि फंसी रहती है। इसमें 5 हजार से लेकर 5 लाख या उससे भी अधिक की राशि शामिल रहती है, जिसके चलते कई शिकायतकर्ता अपनी राशि फंसने के डर से सामने भी नहीं आते हैं।
मगर अब सामान्य प्रशासन विभाग 40 लाख रुपए का एक विशेष फंड बनाएगा, जिसके चलते शिकायकर्ता को उसके द्वारा पकड़ाई गई राशि अभियोजन की कार्रवाई शुरू होते ही मिल जाएगी। दूसरी तरफ उतनी ही राशि शासन द्वारा बनाए गए फंड में से इस्तेमाल कर ली जाएगी। अभी 5, 10, 15 साल तक शिकायतकर्ताओं की यह राशि फंसी रहती है।
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कोर्ट से प्रकरण का निपटारा होने पर ही यह राशि प्राप्त होती है। उस पर भी उसे कोई ब्याज या फायदा नहीं मिलता और मूल राशि ही हाथ आती है। अब रिश्वतखोरों को पकड़ाने के बाद शिकायतकर्ता की राशि विशेष फंड से लौटा दी जाएगी। शासन का मानना है कि इससे रंगे हाथों रिश्वत लेने वाले मामलों की संख्या भी बढ़ेगी। ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त जैसी प्रदेश की जांच एजेंसियों को भी इस विशेष फंड से फायदा होगा।
अभी कई शिकायतकर्ताओं के पास उतनी राशि नहीं होती या सालों तक फंसे रहने के डर से भी वे पीछे हट जाते हैं। अब शिकायतकर्ताओं को उनकी मूल राशि जल्द ही प्राप्त हो जाएगी। लिहाजा वे बड़ी राशि का भी बंदोबस्त कर सकेंगे। शासन का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाली कार्रवाई को बढ़ावा मिलेगा और ऐसी कार्रवाइयां बढ़ेगी।