संविधान में दिए OPS के अधिकार का हनन न करे सरकार!

कर्मचारी मंच ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर OPS लागू करने की मांग करी

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संविधान में दिए OPS के अधिकार का हनन न करे सरकार!

भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पत्र लिखकर मांग करी है कि केंद्र सरकार भारत के संविधान में कर्मचारियों को दिए गए पेंशन के अधिकार का हनन ना करें और तत्काल पीएफआरडीए एक्ट 2013 को समाप्त करके 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना OPS लागू करने के आदेश जारी करें इसी मांग का एक पत्र मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी सौंपा गया है।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) मैं स्पष्ट उल्लेख है कि सरकारी कर्मचारी का पेंशन प्राप्त करने का अधिकार उसकी संपत्ति है राज्य सरकार को इसे कार्यपालिका आदेश जारी करके रोकने का अधिकार प्राप्त नहीं है पेंशन दान नहीं है जो सरकार की मर्जी और प्रसाद पर संदेय हो पेंशन प्राप्त करने का अधिकार सरकारी कर्मचारी को प्राप्त मूल्यवान अधिकार है सरकारी कर्मचारी को पेंशन प्राप्त करने का अधिकार राज्य सरकार के आदेश पर नहीं बल्कि पेंशन नियमों के बल पर प्राप्त है यदि सरकार सरकारी कर्मचारी के पेंशन को कम करने एवं उसे रोकने का मनमाना आदेश पारित करती है तो इससे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) एवं 31 (1 )का उल्लंघन होगा।

संविधान में स्पष्ट व्याख्या होने के बावजूद भी केंद्र एवं राज्य सरकार शासकीय कर्मचारियों के पूर्ण पेंशन के अधिकार का हनन करके पीएफआरडीए एक्ट 2013 के माध्यम से कर्मचारियों के ऊपर एनपीएस योजना थोप रही है जो कर्मचारी विरोधी है एनपीएस योजना से कर्मचारियों को ना तो पेंशन मिल रही है और ना ही बुढ़ापे का सहारा है नाही सरकारी कर्मचारी को उसके वेतन से काटे गए पैसे की जमा राशि मिल रही है सरकार ने एनपीएस योजना के माध्यम से कर्मचारियों का भविष्य निजी हाथों में सौंप दिया है कर्मचारियों की जमा पूंजी सट्टा बाजार में लगा दी है सरकार का पीएफआरडीए एक्ट 2013 बनाने का निर्णय कर्मचारी विरोधी है मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश से पत्र माध्यम से पुरजोर मांग करी है कि एनपीएस योजना को वापस लेकर OPS योजना लागू करके संविधान की रक्षा की जाए संवैधानिक अधिकारों के हनन पर रोक लगाई जाए यदि सरकार मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच की मांग को संज्ञान में लेकर मंजूर नहीं करेगी तो मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच संविधान में दिए अधिकारों एवं सर्वोच्च न्यायालय के 1 जुलाई 2015 के फैसले को आधार बनाकर सरकार से न्यायालय में याचिका दायर कर लड़ाई लड़ेगा और रोड पर भी सरकार से ओ पी एस प्राप्त करने की लड़ाई लड़ेगा।