भोपाल-इंदौर सहित चार संभागों में अनुपयोगी जमीन संपत्ति बेचकर 150 करोड़ जुटाएगी सरकार

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Rahul

भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभागों में शासकीय, खाली पड़ी अनुपयोगी जमीन तथा सम्पत्ति को बेचकर सरकार ने 148 करोड़ 92 लाख रुपए जुटाए है। वहीं लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की सम्पत्ति और चिन्हित की गई है जिसे सरकार बेचेगी।

राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।

अकील ने पूछा था कि सरकार ने इन चारों संभागों में शासकीय भूमि, सम्पत्ति खाली और अनुपयोगी मानकर कितनी सम्पत्ति बेचने के लिए चिन्हित की है।

इस पर राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत ने बताया कि भोपाल संभाग में मंत्रालय गृह निर्माण समिति सनखेड़ी भोपाल की एक करोड़ 49 लाख, सोयाबीन प्रसंस्करण प्लांट पचामा जिला सीहोर स्थित औद्योगिक सम्पत्ति का स्क्रैप प्लांट और मशनरी 4 करोड़ 80 लाख , ब्यावरा बस डिपो राजगढ़ की सम्पत्ति 8 करोड़ 15 लाख, और सेंट्रल प्रेस बैरागढ़भोपाल की सम्पत्ति 19 करोड़ 93 लाख रुपए में बेचने के लिए चिन्हित की गई है।

इसी तरह इंदौर संभाग में प्लाट नंबर 151 बी स्कीम नंबर 59, अमितेश नगर आईडीए इंदौर में तीन करोड़ 52 लाख, संभागीय कर्मशाला मल्हार गंज इंदौर 25 करोड़ 51 लाख, तलावली चांदा इंदौर की सम्पत्ति 163 करोड़ 32 लाख, केन्द्रीय कर्मशाला महू 5 करोड़ 12 लाख, पिपल्याहाना इंदौर 10 करोड़ 2 लाख,मोती तबेला इंदौर की सम्पत्ति 6 ्रकरोड़ 31 लाख रुपए में बेचने के लिए चिन्हित की है।

इसके अलावा जबलपुर संभाग में भारत कॉलोनी जबलपुर में सवा छह करोड़, संभागीय कार्यालय जबलपुर में 15 करोड़ 5 लाख, अंबेडकर चौक बालाघाट में 3 करोड़ 8 लाख, गायत्री नगर कटनी में 26 करोड़ 18 लाख, अमरवाड़ा बस डिपो दिंदवाड़ा 6 करोड़ 59 लाख, नरसिंहपुर बस डिपो 12 करोड़ 71 लाख और नर्मदापुरम संभाग में लोक निर्माण विभाग का इटारसी का गेस्ट हाउस 24 करोड़ 2 लाख रुपए में बेचने के लिए चिन्हित की है।

यह सम्पत्ति बेची-

चिन्हित की गई अनुपयोगी सम्पत्ति में से सोयाबीन प्रसंस्करण प्लांट पचामा की प्लांट और मशनरी 7 करोड़ 58 लाख, आईडीए इंदौर में प्लांट नंबर 151 स्कीम नंबर 59 अमितेश नगर की सम्पत्ति 7 करोड़ 67 लाख, इटारसी में पीडब्ल्यूडी का विश्रामगृह 31 करोड़ 61 लाख रुपए और मंत्रालय गृह निर्माण सहकारी समिति की सनखेड़ी भोपाल स्थित जमीन दो करोड़ 6 लाख रुपए में उच्चतम बोली के आधार पर बेची गई है।