
ईरान-इजरायल युद्ध में फंसे भारतीयों के लिए सरकार की बड़ी पहल, ऑपरेशन सिंधु से सुरक्षित घर वापसी शुरू
ईरान-इजरायल युद्ध के चलते दोनों देशों में हालात अचानक बेहद तनावपूर्ण हो गए। हजारों भारतीय छात्र और नागरिक वहां फंस गए थे, जिनकी सुरक्षा और स्वदेश वापसी को लेकर उनके परिवारों में गहरी चिंता थी। ऐसे संकट में भारत सरकार ने तुरंत ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया- यह एक साझा निकासी अभियान है, जिसका मकसद ईरान और इजरायल दोनों देशों से भारतीयों को सुरक्षित निकालना और घर वापस लाना है। सरकार ने दूतावासों, स्थानीय प्रशासन और दोनों देशों की सरकारों के साथ मिलकर निकासी के लिए विशेष इंतजाम किए, ताकि हर भारतीय सुरक्षित अपने वतन लौट सके। ईरान और इजरायल दोनों देशों से भारतीयों की सुरक्षित वापसी का अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है।
ईरान से वापसी:
– ईरान में करीब 4,000 से 10,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 1,500 से 6,000 छात्र शामिल हैं।
– युद्ध के कारण ईरान ने अपने एयरस्पेस को लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया था, लेकिन भारत के लिए विशेष रूप से एयरस्पेस खोला गया।
– पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को सड़क मार्ग से आर्मेनिया ले जाया गया, फिर वहां से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लाया गया।
– बाकी भारतीयों की वापसी के लिए भी लगातार प्रयास जारी हैं और निकासी के लिए विशेष हेल्पलाइन व कंट्रोल रूम सक्रिय हैं।
– लौटे छात्रों ने बताया कि मिसाइल हमलों और धमाकों के बीच रातें गुजारनी पड़ीं, लेकिन भारत पहुंचकर उन्हें राहत मिली।
इजरायल से वापसी:
– इजरायल में करीब 36,000 से 38,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें केयरगिवर्स, प्रोफेशनल्स, छात्र और व्यापारी शामिल हैं।
– भारत सरकार ने इजरायल में फंसे भारतीयों को ज़मीनी रास्ते से जॉर्डन या मिस्र ले जाने और वहां से फ्लाइट के जरिए भारत लाने की व्यवस्था की है।
– भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को रजिस्ट्रेशन करने और दूतावास की एडवाइजरी का पालन करने को कहा है।
– इजरायल में भी 24×7 कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
– इजरायल से वापसी की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है, जल्द ही वहां से भी भारतीयों के जत्थे भारत पहुंचेंगे।
सरकार ने दोनों देशों की सरकारों के सहयोग और भारतीय दूतावासों की सक्रियता से यह सुनिश्चित किया है कि हर भारतीय सुरक्षित अपने घर लौट सके। ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत निकासी अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित स्वदेश नहीं लौट जाते।





