खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट
खरगोन: जिले के महेश्वर के आदिवासी बाहुल्य आशापुर गांव में प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने जनता दरबार लगाया। इस दौरान राज्यपाल का फोकस सिकलसेल बिमारी को लेकर रहा। इस दौरान राज्यपाल पटेल ने ग्रामीणों से कहाॅ की सिकलसेल बीमारी की जांच ही प्राथमिक उपचार है। ग्रामीण विशेषकर युवाओ को सिकलसेल की जांच को अपनी जबाबदारी रखना चाहिये।
सिकलसेल बीमारी को लेकर मैने वर्ष 2006 में अभियान छेड़ रखा है। अब मध्यप्रदेश में भी 10 करोड़ रुपये का बजट इस बीमारी के लिये रखा है। फिलहाल झाबुआ और अलिराजपुर को पायलेट प्रोजेक्ट में रखा गया है।
राज्यपाल इन दिनो पवित्र नगरी महेश्वर के दो दिवसीय दौरे पर है। दरबार में जनता को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि 40 वर्ष पहले ही मैन इस बीमारी को भांप लिया था। राज्यपाल पटेल ने उनकी जिंदगी में सिकलसेल बीमारी से प्रभावित नजदीकियों के बारे में मुम्बई ले गये एक बच्चे की ग्रामीणो को जागरूकता के लिये कहानी बताई।
समाज के शिक्षित युवा युवतियों की इस बीमारी को रोकने की ज्यादा जिम्मेदारी है। इस दौरान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में छात्रावास में स्कूली बच्चो और आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की महिलाओं से भी राज्यपाल रूबरु हुए। उत्पादों के लगाये गये स्टॉल पर पहुंचकर महिलाओं का परिचय के साथ उत्पाद और आय की जानकारी भी ली। छात्रावास में बच्चों से सुविधाओ के साथ पढाई क को लेकर संवाद के बाद राज्यपाल पटेल ने बच्चो को फल फ्रूट और स्कूली बेग भी भेंट किये।