Govt School Toppers : MBBS में सरकारी स्कूल के टॉपर्स के लिए 5% सीटें रिज़र्व रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश!

हाई कोर्ट का फैसला पलटा, सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को अनारक्षित श्रेणी में प्रवेश दिया जाएगा!

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Govt School Toppers : MBBS में सरकारी स्कूल के टॉपर्स के लिए 5% सीटें रिज़र्व रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश!

New Delhi : मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में टॉप करने वाले छात्रों के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में मेडिकल एजुकेशन विभाग को आदेश दिया कि इन छात्रों के लिए न केवल सीटें रिजर्व की जाएं, बल्कि उन्हें प्रतिष्ठित कॉलेजों में एडमिशन भी दिलाया जाए।

इस मामले में 8 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इन छात्रों का आरोप था कि सरकार की आरक्षण योजना के बावजूद उन्हें उचित लाभ नहीं मिला। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए एमबीबीएस में 5% सीटें आरक्षित की थीं। लेकिन, जब छात्रों ने एडमिशन के लिए आवेदन किया, तो मेडिकल एजुकेशन विभाग ने उनकी अर्जी ठुकरा दी।

यह था पूरा मामला
एक ओबीसी छात्रा ने नीट में अच्छे अंक प्राप्त किए, लेकिन उसके आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उसने ओबीसी कैटेगरी के लिए प्रयास नहीं किए। इसके बावजूद, उसके अंक जनरल कैटेगरी के बराबर थे और उसे जनरल कैटेगरी में एडमिशन मिल सकता था। इसी तरह, अन्य छात्रों को भी आरक्षित सीटों का लाभ नहीं मिला और ओबीसी की सीटें भी फुल हो गईं।

यह हुआ सुप्रीम कोर्ट में
अधिवक्ता अविरल विकास खरे ने सुप्रीम कोर्ट में छात्रों की एसएलपी तैयार की और अदालत को बताया कि सरकारी स्कूलों के टॉपर्स के लिए आरक्षण योजना में गलत दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि अंकों के हिसाब से इस कोटे के तहत क्लेम करने वाले छात्रों की मेरिट देखी जानी चाहिए।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों के लिए एमबीबीएस में सीटें रिजर्व रखने का आदेश दिया। इसके तहत सरकारी स्कूलों के टॉपर्स को अनारक्षित श्रेणी में प्रवेश दिया जाएगा और उनकी मेरिट के अनुसार एडमिशन प्रदान किया जाएगा।