Govt Suspends PG College Principal Dr RK Verma: आरोप-प्रत्यारोप के चलते प्राचार्य सस्पेंड, ABVP-NSUI आमने-सामने
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। Govt Suspends PG College Principal: मंदसौर के स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर आरके वर्मा को आरोप – प्रत्यारोप के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में ABVP-NSUI आमने-सामने आ गए हैं।
एक माह से चल रहे घटनाक्रम में बुधवार को राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग अवर सचिव वीरन सिंह भलावी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में मंदसौर के राजीव गांधी स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक वाणिज्य एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ आर के वर्मा को निलंबित करते हुए उज्जैन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा कार्यालय अटैच कर दिया है।
इस आदेश पर राजनीतिक क्षेत्रों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई है और कांग्रेस अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र सिंह तोमर , NSUI जिला अध्यक्ष रितिक पटेल ने इस कार्यवाही को भाजपा की कुंठित मानसिकता बताया है । इस कार्यवाही से शिक्षा के मंदिर में ABVP एवं भाजपा नेताओं का अवांछित हस्तक्षेप निरूपित होना बताया है।
जबकि निलंबित प्राचार्य डॉ आर के वर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा झूंठी एफआईआर को आधार बनाते हुए आदेश दिया है जो न्यायोचित नहीं है। राजनीतिक दबाव में की इस कार्यवाही को सक्षम स्तर पर चुनोती देंगे और यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
प्राचार्य डॉ वर्मा का कहना है कि संभाग के सबसे बड़े स्नातकोत्तर महाविद्यालय और कोई 12 हजार से अधिक स्टूडेंट्स के हितों और बेहतरी के लिये अनुशासन की कार्यवाही के प्रयास कर रहे हैं ताकि युवाओं को अच्छे वातावरण में पढ़ने और बढ़ने के श्रेष्ठ अवसर मिल सके।
कतिपय अनियमितताओं पर भी प्रशासन एवं उच्च शिक्षा विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया है।
इधर ABVP द्वारा प्राचार्य के निर्देश को अनुचित बताते हुए विरोध किया और नारेबाजी व धरना प्रदर्शन भी किया गया।इसके विरोध में छात्र संगठन NSUI ने प्रदर्शन करते हुए एबीवीपी का पुतला दहन भी किया।
एक अन्य मामले में पुलिस थाना वाय डी नगर में दर्ज प्रकरण को आधार मान उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्य पर निलंबन की कार्यवाही की है।
आरोप-प्रत्यारोपण के चलते कोई एक माह से कॉलेज राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। इसके चलते पढ़ाई-लिखाई और शिक्षा गतिविधियां प्रभावित हुई है।
मात्र 35 दिन पूर्व ही प्राचार्य पद ग्रहण करने के बाद व्यवस्थाओं में परिवर्तन के प्रयास डॉ वर्मा द्वारा किये जा रहे थे। इसमें प्रमुख रूप से कॉलेज परिसर में अवांछित लोगों पर रोक के साथ बिना आइडेंटिटी कार्ड के प्रवेश पर रोक भी शामिल है। इसके विरोध में ABVP ने आंदोलन करते हुए विरोध जताया । मात्र 20 दिनों में ही कॉलेज परिसर में 4-5 मामले गुंडागर्दी के सामने आये हैं।
NSUI ने प्रदर्शन किया और पुलिस बल को रोकथाम करने में मशक्कत करना पड़ी।
इधर कॉलेज स्टाफ ने पुलिस को सुरक्षा और अकारण हस्तक्षेप पर कार्यवाही का आवेदन दिया। उस पर प्रशासन और पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं की गई।
उल्लेखनीय है कि मात्र 7 माह की अवधि में पांचवें प्रिंसिपल को दायित्व मिल सकता है क्योंकि चार प्रभारी प्रिंसिपल बदल गये हैं। वर्तमान प्रभारी प्रिंसिपल डॉ वर्मा को वरीयता आधार पर हाईकोर्ट के निर्णय उपरांत दायित्व मिल सका था अब पद रिक्त हो गया है।
1956-57 में स्थापित मंदसौर महाविद्यालय में ऐसी स्थिति पहली बार आई है जब छात्र संगठनों और प्राचार्य में राजनीतिक हस्तक्षेप देखा जारहा है।