GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोल-डीजल पर फैसला नहीं!

16 करोड़ की दवा को GST के दायरे से बाहर किया

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वरिष्ठ पत्रकार बसंत पाल की विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली। शुक्रवार को GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला नहीं हो सका। कई जीवन रक्षक दवाओं पर छूट दी गई और बायोडीजल पर GST की दर कम की गई है। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने फैसलों के बारे में बताया। पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इस मुद्दे पर चर्चा की गई! लेकिन, कुछ सदस्यों ने कहा कि वो यह नहीं चाहते हैं। इसके बाद GST काउंसिल ने फैसला किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी सही वक्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि कलम पर 18 प्रतिशत की एकल दर से जीएसटी लगेगा, वहीं विशिष्ट नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर 12 प्रतिशत माल एवं सेवा कर लगेगा। डीजल में मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर GST दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि GST परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। GST काउंसिल ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला किया। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों का एक समूह दरों को तर्कसंगत बनाए जाने संबंधी मुद्दों पर गौर करेगा और दो माह में अपनी सिफारिश देगा।
उन्होंने कहा कि पहली बार हम ऑनलाइन मोड से बाहर निकले हैं। हमने आज लोगों के अनुकूल फैसले लिए हैं। दो जीवन रक्षक दवाओं को GST के दायरे से बाहर रखा गया है। ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है। इन दोनों दवाओं की कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। जिसके चलते जीएसटी काउंसिल ने इन दवाओं पर GST छूट देने का फैसला किया। लेकिन, मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी छूट नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधित दवाओं पर हमने 31 दिसंबर 2021 तक जीएसटी रियायतें बढ़ा दी हैं। इससे पहले इन दवाओं पर छूट 30 सितंबर 2021 तक थी। कैंसर से संबंधित दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रश कर दिया गया है। दिव्यांगों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर अब 5 प्रतिशत GST लगेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाया जाएगा या नहीं, इस पर मीडिया में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देती हूं कि यह आज के एजेंडे में विशुद्ध रूप से केरल उच्च न्यायालय के आदेश के कारण आया है। कोर्ट ने इस मामले को पहले GST काउंसिल के सामने रखने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बायोडीजल पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रश कर दिया गया है। जिन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सरकार 75 प्रतिशत खर्च करती है, ऐसे कार्यक्रमों को GST से बाहर रखा गया है।