यदि आप भी कहीं रेजिडेंशियल प्रोपर्टी में किराए पर रहते हैं तो आपको किराए के अलावा 18% प्रतिशत जीएसटी भी देना पड़ेगा।ये खबर इन दिनों जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
ये खबर बिल्कुल फेक है। साथ ही PIB FACT CHECK की टीम ने ये साफ कर दी कि ये खबर गलत और टेनेन्ट को किराए पर कोई जीएसटी नहीं देनी होगी।
सरकार ने ये कहा
इससे पहले एक ट्वीट में पीआईबी ने कहा, ‘रेजिडेंशियल यूनिट का किराया तभी टैक्स योग्य होता है जब इसे किसी जीएसटी रजिस्टर्ड कंपनी को कारोबार करने के लिए रेंट पर दिया जाता है।’ इसमें आगे क्लियर किया गया है कि पर्सनल यूज के लिए अगर कोई व्यक्ति इसे किराए पर लेता है तो इस पर कोई जीएसटी नहीं देना पड़ेगा।’
ये है नियम
सरकार की तरफ से गई जानकारी के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को अपने बिजनेस के उद्देश्य से किराए पर लेता है तो उसे जीएसटी देना पड़ेगा। पहले जब कोई कमर्शियल काम के लिए ऑफिस या बिल्डिंग को लीज पर लेता था केवल तभी उसे लीज पर जीएसटी पड़ता था।’ दरअसल, जीएसटी की बैठक के बाद से ही लोगों में बढ़े हुए दर को लेकर विरोध दिख रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्टस
एक्सपर्ट्स की माने तो अगर कोई आम सैलरीड व्यक्ति ने किराए पर एक रेजिडेंशियल घर या फ्लैट लिया है, तो उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ता है। जबकि एक जीएसटी-पंजीकृत व्यक्ति या संस्था जो कारोबार करती है, अगर वे किराए पर रेजिडेंशियल घर फा फ्लैट लेते हैं तो उन्हें मालिक को किराए पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा
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